मुंबई: दिवगंत महमूद सिर्फ एक अच्छे अभिनेता ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन निर्देशक-गायक भी थे। महमूद बेदाग कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते थे। जिन्होंने स्क्रीन पर उनके द्वारा निभाए गए कई किरदार को दर्शकों के बीच यादगार बना दिया है। अपने चार दशक के करियर के दौरान, उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनकी 90वीं जयंती पर, आइए नजर डालते हैं महमूद की सुपरहिट फिल्मों के सुपरहिट डायलॉग्स पर-
1: हम इतना दिन से अप्लाई करें आप नो रिप्लाई… आज हम अप्लाई नहीं आया आप रिप्लाई।’
महमूद का यह डायलॉग उनकी मशहूर फिल्म पड़ोसन का है। फिल्म में सुनील दत्त, सायरा बानो और किशोर कुमार भी मुख्य भूमिका में थे।
2: ‘मैं बेवड़ा हमें वक्त पीता हूं जब मेरेको गांजा नहीं मिलता … और गांजा हमें वक्त पीठा हूं जब मेरेको आफीम की गोली नहीं मिलती … और गोली मैं हमें वक्त खाता हूं जब मेरेको कैंपा कोला जैसी बोतल वाली।’
यह डायलॉग फिल्म गुरु सुलेमान चेला पहलवान का है। 1981 की फिल्म में दारा सिंह, बिंदु और मोहन छोटी ने भी मुख्य भूमिकाएं निभाई।
3: ‘कुट्टे और आदमी की नाक कां खींच कर ही पता चलती है।’
यह डायलॉग हॉन्ग कॉन्ग की फिल्म जौहर महमूद का है। 1971 की फिल्म में आई.एस. जौहर, सोनिया साहनी और प्राण मुख्य भूमिकाओं में हैं। एस.ए. अकबर निर्देशित फिल्म को प्रशंसकों और दर्शकों ने पसंद किया था।
4: ‘ये व्हिस्की सोडा अगर आप देखेंगे … तो व्हिस्की सोडा और और आपका दम बहार।’
यह डायलॉग भी हॉन्ग कॉन्ग की फिल्म जौहर महमूद का है।
5: ‘पेट्रोल का भाव बढ़ गया… तारकरी का भाव बढ़ गया… तेरा भाव भी बढ़ गया क्या?’
यह डायलॉग फिल्म कुंवारा बाप का है। 1974 की फिल्म में मनोरमा, मुमताज अली और भूषण तिवारी भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। महमूद द्वारा निर्देशित इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था।
6: ‘इन्हे ऐसा कदम आदमी है की अगर गंदरी खाके ठुकेंगा … तो उसपे मक्खी भी नहीं बहेंगे।’
यह डायलॉग भी फिल्म कुंवारा बाप का है।
7: ‘फकीरा खड़ा दुकान पर, मांगे सबकी खैर … न कहू उससे दोस्ती, न कहू उससे बैर’
यह डायलॉग फिल्म लव इन टोक्यो का है। 1966 की फिल्म में आशा पारेख, प्राण और जॉय मुखर्जी ने लीड किरदार निभाएं थे। प्रमोद चक्रवर्ती निर्देशित इस फिल्म को इसकी कहानी और कलाकारों के लिए दर्शकों से प्रशंसा मिली।