महावतार नरसिम्हा के सेट पर हुआ चमत्कार
मुंबई: भारतीय माइथोलॉजिकल सिनेमा एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। इतना ही नहीं इसकी शुरुआत महावतार नरसिम्हा से होने जा रही है। फिल्म की भव्यता, गहराई और आध्यात्मिक ऊर्जा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर काम साढ़े चार साल पहले ही शुरू हो चुका था। फिल्म के निर्देशक अश्विन कुमार ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट को लेकर कई दिलचस्प बातें साझा कीं।
अश्विन कुमार ने बताया कि इस फिल्म का हर हिस्सा सेट डिजाइन, किरदार, रिसर्च, और टीम की मानसिकता, बेहद समर्पण और श्रद्धा से तैयार किया गया है। अश्विन ने कहा कि हमने सबसे पहले हर कैरेक्टर को गहराई से समझा, फिर उन्हें 3D में विकसित किया। पूरा सेट हमारी टीम ने खुद डिज़ाइन किया है। इस फिल्म की टीम पर भी इसका गहरा आध्यात्मिक असर पड़ा।
निर्देशक ने खुलासा किया कि टीम के कई सदस्य फिल्म के दौरान धार्मिक साधना से जुड़ गए। “लोग भगवान नरसिम्हा की छवि देखकर मेडिटेशन करने लगे, कई ने एकादशी के व्रत रखने शुरू कर दिए और नॉनवेज खाना छोड़ दिया। यह सिर्फ फिल्म नहीं रही, एक आध्यात्मिक यात्रा बन गई। इस उत्साह को और बढ़ाते हुए मेकर्स ने एक भव्य सिनेमैटिक यूनिवर्स की घोषणा की है ‘द महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स’। इसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों की गाथाएं अगली एक दशक तक बड़े परदे पर दिखाई जाएंगी।
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महावतार नरसिम्हा के बाद महावतार परशुराम, महावतार रघुनंदन, महावतार द्वारकाधीश, महावतार गोकुलानंद, महावतार कल्कि पार्ट 1 और महावतार कल्कि पार्ट 2 सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हर फिल्म में 2 साल का गैप होगा। फिल्म का निर्माण कलीम प्रोडक्शंस और होम्बले फिल्म्स द्वारा किया जा रहा है। चैतन्य देसाई ने बताया कि यह फिल्म 3D फॉर्मेट में और 5 भारतीय भाषाओं में रिलीज होगी। महावतार नरसिम्हा न सिर्फ माइथोलॉजी बल्कि फिल्म तकनीक, संस्कृति और आस्था का अद्भुत मेल होगी।