कवि प्रदीप-लता मंगेशकर (डिजाइन फोटो )
मुंबई : कवि प्रदीप (Kavi Pradeep) एक प्रसिद्ध भारतीय कवि (Indian Poet) और गीतकार (Lyricist) थे। जिनका जन्म 6 फरवरी, 1915 को बड़नगर, उज्जैन, भारत में रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी (Ramchandra Narayanji Dwivedi) के नाम से हुआ था।
कवि प्रदीप के देशभक्ति गीत “ऐ मेरे वतन के लोगों” के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जो उन सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में लिखा गया था जो लोग भारत-चीन युद्ध के दौरान देश की रक्षा में शहीद हो गए थे। इस शानदार गीत को लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने मंच पर गाया था जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने इस गीत के गहराई को महसूस किया था जिसके चलते उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। हालांकि, कवि प्रदीप को उनके महान कार्यों के लिए वर्ष 1997 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) दिया गया था। इसके अतिरिक्त, उन्हें भारत सरकार से उनके कार्यों के लिए सम्मान के रूप में “राष्ट्रीय कवि” की उपाधि भी मिली है।
पांच दशकों के करियर में, कवि प्रदीप ने लगभग 1,700 गाने और लगभग 72 फिल्मों के बोल सहित राष्ट्रवादी कविताएं लिखीं, जिनमें फिल्म बंधन (1940) में “चल चल रे नौजवान” और “आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं” जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। और फिल्म जागृति (1954) में “दे दे हमें आजादी” 1958 में, एचएमवी ने अपने गीतों के साथ 13 गीतों का एक एल्बम जारी किया। उन्हें राष्ट्रकवि (राष्ट्रीय कवि) बनाया गया, और उन्हें कवि प्रदीप के नाम से जाना जाने लगा।
उनके गीत इतने लोकप्रिय थे कि प्रशंसक उनके भावपूर्ण गीतों को सुनने के लिए बार-बार उनकी फिल्में देखते थे। कवि प्रदीप हमेशा सरल शब्दों में गीत लिखने में विश्वास करते थे, जो स्थिति में उपयुक्त अर्थ को चित्रित करते थे। उनके गीतों की लोकप्रियता उनके साधारण बोल और सरल भाषा के कारण थी जो सभी को अच्छी तरह समझ में आती थी। देशभक्ति गीत “ऐ मेरे वतन के लोगों” के गीत को लिखने वाले कवि प्रदीप भी बीमारी के चलते 83 वर्ष की आयु में 11 दिसंबर 1998 को मुंबई में उनका निधन हो गया था।