आलिया पर नेपोटिज्म की आलोचना पर जयदीप का बयान (सौ. सोशल मीडिया)
मुंबई: एक्टर जयदीप अहलावत ने हाल ही में बॉलीवुड में “नेपोटिज्म” और बाहरी लोगों के संघर्षों पर अपने विचार शेयर किए है। इस मुद्दे पर बहुत चर्चा होती है, खासकर जब बाहरी लोग बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने की कोशिश करते हैं। कई बार बॉलीवुड को एक “क्लोज़ डोर” इंडस्ट्री माना जाता है, जहां बाहरी लोगों के लिए प्रवेश मुश्किल होता है, लेकिन जयदीप ने इस बारे में एक संतुलित नजरिया प्रस्तुत किया।
अहलावत ने खासकर आलिया भट्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि फिल्मी परिवारों के बच्चों को भी अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वह मानते हैं कि आलिया भट्ट जैसी सफल एक्ट्रेस को “नेपोटिज्म” के आरोपों से परे उनकी मेहनत और अभिनय कौशल के लिए पहचाना जाना चाहिए। एक्टर ने आलिया को एक “शानदार एक्ट्रेस” करार दिया और कहा कि उन्हें सिर्फ महेश भट्ट की बेटी के रूप में आंकना गलत है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या यह आलिया की गलती है कि वह एक फ़िल्मी परिवार में पैदा हुई हैं।
जयदीप ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई बच्चा डॉक्टर के परिवार में पैदा होता है, तो क्या उसे डॉक्टर बनने के लिए ताना मारा जाएगा? उन्होंने बताया कि आलिया ने हमेशा अपनी फिल्मों के लिए कड़ी मेहनत की है, और सेट पर हमेशा तैयार होकर आती हैं। ‘राज़ी’ में उनके साथ काम करने का अनुभव साझा करते हुए जयदीप ने कहा कि आलिया की तैयारी और समर्पण अविश्वसनीय था। वह हमेशा अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती हैं, और यह स्पष्ट था कि उन्होंने अपनी भूमिका के लिए पूरी तैयारी की थी।
यहां देखें पोस्ट-
“Uski koi galti hai kya…?” Jaideep Ahlawat questions ‘nepotism’ judgement, praises Alia Bhatt for her acting, dedication
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— ANI Digital (@ani_digital) January 30, 2025
जयदीप ने ‘पाताल लोक’ के पहले सीज़न में अपनी शानदार भूमिका के बाद अब इसके दूसरे सीज़न में भी तारीफ प्राप्त की है। उनकी एक्टिंग जरनी ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’, ‘राज़ी’, और ‘महाराज’ जैसी फिल्मों से दमदार रही है। आगे वह ‘फ़ैमिली मैन’ के तीसरे सीज़न में नजर आएंगे, जो राज और डीके द्वारा बनाई गई एक बहुप्रतीक्षित सीरीज़ है।
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जयदीप का यह विचार कि फ़िल्मी परिवारों के बच्चों को भी संघर्ष करना पड़ता है, और उनकी मेहनत को पहचानने की आवश्यकता है, बॉलीवुड में एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। यह उनकी सोच को और अधिक व्यापक बनाता है कि सफलता केवल परिवार या बैकग्राउंड पर निर्भर नहीं होती, बल्कि व्यक्ति की मेहनत और समर्पण पर भी होती है।
– एजेंसी इनपुट के साथ