ईरान में शूट हुई पहली बॉलीवुड फिल्म कौन सी थी
मुंबई: साल 1972 में रिलीज हुई फिल्म ‘सुबह-ओ-शाम’ भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अनोखी अचीवमेंट के तौर पर दर्ज है। यह पहली ऐसी बॉलीवुड फिल्म थी जिसे ईरान में शूट किया गया और जिसमें दोनों देशों की प्रतिभाओं को एक साथ काम करने का मौका मिला। फिल्म को ईरान में ‘होमे सादात’ यानी ‘खुशी की चिड़िया’ के नाम से रिलीज किया गया था और इसे दर्शकों ने खासा सराहा।
इस ऐतिहासिक फिल्म का निर्देशन किया था मशहूर निर्देशक चाणक्य ने, जिन्होंने ‘राम और श्याम’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाई थी। कहानी और निर्माण की जिम्मेदारी बी. राधाकृष्ण ने निभाई थी। संगीत की बागडोर मशहूर जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के हाथ में थी, जबकि आनंद बख्शी ने गानों को शब्दों में डाला था। इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ईरान के प्रख्यात डीओपी खानी ने की, जो इस अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट को एक कल्चरल पुल में बदल देते हैं।
फिल्म की कहानी तेहरान की बैकग्राउंड पर आधारित है। इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस वहीदा रहमान ने मुख्य भूमिका निभाई है, जो शिरीन नाम की एक डांसर का किरदार निभाती हैं। वहीं ईरानी एक्टर मोहम्मद अली फरदीन को मेल लीड में लिया गया था, जिनकी हिंदी डबिंग सत्येन कप्पू ने की थी। फिल्म की कहानी एक कॉम्प्लिकेटेड लव स्टोरी पर आधारित है, जिसमें मिसअंडरस्टैंडिंग और सोशल प्रेशर के चलते प्रेमी एक-दूसरे से बिछड़ जाते हैं।
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अरुण यानी फरदीन और शिरीन यानी वहीदा के प्रेम के बीच में सच्चाई छिपा ली जाती है, जिसके कारण शिरीन शादी से इनकार कर देती है और अरुण दूसरी महिला नाजनीन से शादी कर लेता है। कई सालों बाद अरुण को पता चलता है कि उसका बेटा रज्जाक, दरअसल शिरीन से जन्मा है। फिल्म की एंडिंग रीयूनियन के साथ होता है, जहां अरुण अपने पोते और पत्नी को पहचानता है और एक टूटा हुआ परिवार फिर से जुड़ जाता है। ‘सुबह ओ शाम’ सिर्फ एक लव स्टोरी नहीं, बल्कि दो कल्चर के मिलन का प्रतीक भी है।