ऑल लिविंग थिंग्स फेस्टिवल: दीया मिर्जा ने वायु प्रदूषण को ट्रैक करने की बात कही
Dia Mirza on Air Pollution in India: अभिनेत्री और पर्यावरणविद दीया मिर्जा और प्रसिद्ध निर्देशक ज़ोया अख्तर ने हाल ही में आयोजित ‘ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल’ में शिरकत की। इस दौरान दोनों हस्तियों ने पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक न्याय जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी।
आईएएनएस से बातचीत में दीया मिर्ज़ा ने इस फेस्टिवल को ‘बेहतरीन’ बताते हुए कहा कि यह न केवल वन्यजीव डॉक्यूमेंट्री, बल्कि आम लोगों की जिंदगी और पर्यावरण से जुड़े जटिल मुद्दों पर बनी कहानियों को दिखाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कहानियाँ लोगों तक पर्यावरण का संदेश पहुँचाने का सबसे ताकतवर माध्यम हैं। दीया ने यह भी बताया कि उनके प्रोडक्शन हाउस की एक मराठी फिल्म भी इस फेस्टिवल में दिखाई गई है।
दीया मिर्ज़ा ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसे वह लंबे समय से ट्रैक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले जब वे इस मुद्दे को उठाती थीं, तो कोई बात नहीं करता था। उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया:
“दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर भारत में ही हैं। हम तो सिर्फ दिल्ली और मुंबई की बात कर रहे हैं। ऐसे कई शहर भी हैं, जो बहुत ज्यादा प्रदूषित हैं।”
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दीया ने कहा कि वह मानती हैं कि उनकी कहानियाँ लोगों की जिंदगी में बदलाव लेकर आएं, और यह बात उनके प्रोडक्शन हाउस के काम से झलकती है।
निर्देशक ज़ोया अख्तर ने इस फिल्म फेस्टिवल की आवश्यकता पर जोर दिया। ज़ोया ने कहा, “यह फेस्टिवल बहुत जरूरी है। फिल्म सबसे ताकतवर माध्यम है। अगर हम इससे संदेश फैला सकते हैं, तो अपने ग्रह और आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा काम कर सकते हैं।”
ज़ोया अख्तर ने बताया कि उनकी भी एक फिल्म इस फेस्टिवल में लगी है। इस फिल्म में एक ऐसे शख्स की कहानी दिखाई गई है, जिसने पूरे भारतीय तट पर पैदल चलकर समुद्री कछुओं और अन्य वन्यजीवों की स्थिति का दस्तावेजीकरण किया था। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे व्यक्तिगत प्रयास भी पर्यावरण संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
दीया मिर्ज़ा ने पिछले साल इस फेस्टिवल में जूरी का हिस्सा होने का अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि जूरी का काम मुश्किल होता है, लेकिन इस दौरान उन्होंने सीखा कि सामाजिक न्याय और पृथ्वी से जुड़े जटिल मुद्दों को समझने के लिए फिल्में कितनी महत्वपूर्ण हैं।