मैंने अपनी पहली फिल्म से खुद को चैलेंज करना शुरू कर दिया था: अनुपम खेर
मुंबई: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर सिनेमा जगत में अपने 40 वर्ष पूरे कर चुके हैं। 68 वर्ष की उम्र में भी अभिनेता लगातार काम कर रहे हैं। वे जल्द ही नेटफ्लिक्स और यशराज फिल्म्स की साझेदारी में बनी फिल्म ‘विजय 69’ में नजर आएंगे। एक्टर ने अपनी इस ढेर सारी बातें की है।
अनुपम खेर ने बताया, मुझे खुशी है इस बात को लेकर कि दर्शक इसे पसंद कर रहे हैं। हालांकि ये कहकर मैं उन बड़ी फिल्मों को कम नहीं आंक रहा। आप कितनी भी बड़ी फिल्म बना लो अगर उसकी कहानी दर्शकों के दिलों को नहीं छूती है तो उसका उपयोग नहीं। ‘विजय 69’ में कहानी, एंटरटेनमेंट, जज्बात, कॉमेडी ये सभी चीजें हैं जो इसे एक अच्छी फिल्म बनाती है। अगर किसी फिल्म के चलते दर्शक के रवैये में थोड़ा भी सकारात्मक बदलाव आता है तो ये उस सिनेमा की जीत है।
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अनुपम खेर ने कहा, हमारी कोशिश यही होती है कि जितने समय तक आप फिल्म देख रहे हैं, हम आपको बेहतरीन एक्सपीरियंस दे। अगर आपसे पूछा जाए कि आपको कौनसी फिल्में पसंद हैं तो आप उन फिल्मों का नाम नहीं लेंगे जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्डतोड़ कमाई की बल्कि उन फिल्मों का नाम लेंगे जिसने आपके दिल को छुआ है। इसके विपरीत अगर आप देखे तो कई दफा ऐसा होता है जब कोई बड़ी फिल्म चलती है तो उससे हुए फायदे से छोटी फिल्में बनाने में भी मदद मिलती है।
आप ने इस उम्र में ऐसा किरदार चुना, क्या आप खुद को चैलेंज करना चाहते थे
मैंने अपनी पहली फिल्म से खुद को चैलेंज करना शुरू कर दिया था जब मैंने फिल्म ‘सारांश’ में एक 65 साल के बूढ़े का रोल किया था। तो एक मंझे हुए और पढ़े लिखे एक्टर का काम है खुद को चैलेंज करते रहना। अगर जिंदगी में आप कुछ पाना चाहते हैं तो बिना चैलेंज के कुछ भी नहीं होता है। एक व्यक्ति अगर बार बार लास्ट आ रहा है तो जब तक वो खुद को चैलेंज नहीं करेगा वो फर्स्ट नहीं आ पाएगा। अगर मैं अपनी छाप छोड़ना चाहता हूं तो मुझे खुद को चुनौती देते रहना होगा। ‘विजय 69’ में मैंने 68 साल की उम्र में स्विमिंग सीखी जबकि मुझे नहीं आता था तैरना। मैंने सोचा कि अगर मैं तैरना नहीं सीखूंगा तो मैं कैसे फिल्म में अपने किरदार के साथ न्याय कर पाऊंगा। मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और तय किया कि मैं इसे सीखूंगा।
शोल्डर डिसलोकेट होने के बावजूद की शूटिंग, कहां से मिलती है प्रेरणा
मैं चाहता था कि समय से ये शूटिंग पूरी हो जाए। अगर मैं ये कमिटमेंट पूरा न करता तो शायद आप आज मुझसे ये सवाल न पूछ पाते (हंसते हुए), कुछ हासिल करने के लिए कुछ खोना पड़ता है। हां मेरे कंधे पर चोट आई थी लेकिन मैंने सोचा कि अगर मैं काम जारी नहीं रखूंगा तो प्रोडक्शन का बड़ा नुकसान हो जाएगा तो मैंने सोचा अभी 2 घंटे का काम बस और बचा हुआ है क्यों न मैं थोड़ा देर अपना दर्द और बर्दाश्त कर लूं। लेकिन अपना काम करने के बाद जो संतुष्टि मुझे मिली उसे मैं बता नहीं सकता।
आपकी मां ने इस फिल्म का ट्रेलर देखा था, उनका क्या रिएक्शन था
जब मेरी मां ने इस फिल्म का ट्रेलर देखा तो उन्होंने मुझसे कहा ‘तू पागल है, तू कुछ भी कर सकता है। उन्हें अच्छा लगता है जब मैं तरह-तरह के रोल्स करता रहता हूं। वो कभी मुझमें बुराई नहीं देखती हैं क्योंकि मैं तो उनका बेटा हूं और मैं उनके लिए 68 का व्यक्ति नहीं बल्कि 18 साल का लड़का हूं।