सिल्लोड विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
औरंगाबाद : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव ओयोग ने इस राज्य में एक ही फेज में चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। बता दें महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होनी है। ऐसे में हम हर एक विधानसभा सीट का बारी – बारी से विश्लेषण कर रहे हैं। इस बीच आज हम सिल्लोड विधानसभा सीट के भूत और वर्तमान को देखकर भविष्य जानने का प्रयास करेंगे, तो इसके लिए पढ़ते जाएं इस आर्टिकल को अंत तक।
सिल्लोड जालना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, साथ ही पांच अन्य विधानसभा क्षेत्र भी हैं, जिनमें जालना जिले में बदनापुर, जालना और भोकरदन और औरंगाबाद जिले में फुलंबरी और पैठण शामिल हैं।
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी | SHS | 123383 |
2014 | अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी | INC | 96038 |
2009 | अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी | INC | 98131 |
2004 | लोखंडे संदू आनंदा | BJP | 54290 |
1999 | काले किसनराव लक्ष्मणराव | BJP | 43079 |
1995 | काले किसन राव | BJP | 53005 |
1990 | मनिकराव पालोडकर | INC | 40021 |
1985 | पालोडकर मनिकराव संदू | INC | 34377 |
1980 | मनिकराव पाओडकर | INC(U) | 33293 |
1978 | गडेकर नामदेव बलवंतrao | JNP | 21436 |
1972 | शिवराम गंगाराम | INC | 25868 |
सिल्लोड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह एक जेनरल कैटेगरी की विधानसभा सीट है। यह औरंगाबाद जिले में स्थित है और जालना संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। सिल्लोड विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 32,403 हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 29,886 हैं। सिल्लोड विधानसभा में मुस्लिम मतदाता की बात करें तो लगभग 69,560 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 19.9% है। 2019 विधानसभा चुनाव के अनुसार सिल्लोड विधानसभा के कुल मतदाता मतदान 68.22 प्रतिशत रहा।
सिल्लोड विधानसभा सीट के विश्लेषण में एक बात तो साफ नजर आ रही है कि यहां की जनता ने सबसे अधिक बार कांग्रेस पर अपना भरोसा जताया है। इस विधानसभा सीट पर सबसे पहले साल 1972 में चुनाव हुआ उस समय के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना पंजा खोला था। फिर 1978 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जनता पार्टी ने जीत हासिल की। फिर 1980 से लेकर 1990 तक इस सीट से कांग्रेस को जीत मिलती रही। उसके बाद 1995 से लेकर 2004 तक यहां की जनता ने बीजेपी पर अपना भरोसा जताया। उसके बाद जनता ने अपना जनादेश बदलकर कांग्रेस को दिया, जिससे 2009 से 2014 के तक इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की और 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां के जनता का मिजाज बदला और शिवसेना को अपना जनादेश दिया, जिसके बाद 2019 में इस सीट से अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी शिवशेना की तरफ से विधायक बने।
अगर आप इस विधानसभा सीट के पुराने इतिहास को देखेंगे तो पाएंगे की यहां की जनता ने सबसे ज्यादा बार कांग्रेस उम्मीदवार को चुना है। ऐसे में 2024 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की उम्मीद तो है, पर यहां की जनता ने कई दफा बीजेपी पर भी भरोसा जताया है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच 2019 के विधानसभा चुनाव में सिल्लोड सीट से शिवसेना ने बाजी मारी थी। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस, बीजेपी और शिवसेना के बीच कड़ी टक्कर है। हालांकि यह तो सिर्फ एक अनुमान है बाकी तो चुनाव आयोग के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।
यह भी पढ़ें – भोकरदन विधानसभा सीट : BJP और NCP में है कांटे की टक्कर, जानिए इस बार क्या बन रहा समीकरण