नाना पटोले (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुलढाना के मल्कापुर में रविवार दोपहर आयोजित चुनावी रैली में एवीएम और कांग्रेस के नेताओं पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि कांग्रेस ने उलेमा काउंसिल की मुस्लिम आरक्षण की मांग पर सहमति जताई है। जिसके मुताबिक मुख्य विपक्षी पार्टी ने नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की उलेमा परिषद की मांग को स्वीकार कर लिया है। इस पर नाना पटोले ने अमित शाह पर पलटवार करते हुए उनके दावे को खारिज किया है।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तुष्टिकरण के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हम मुख्य मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम के फर्जी विमर्श में नहीं फंसेंगे।
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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शाह ने कहा कि ” महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण समाप्त करने और इसे उलेमा काउंसिल की मांग पर मुसलमानों को देने पर सहमति जताई है।”
अमित शाह ने जनसभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लाभों को खत्म कर देगी। क्योंकि आरक्षण कोटे पर 50 प्रतिशत की सीमा है और इसमें कोई भी बढ़ोत्तरी मौजूदा कोटे की कीमत पर होगी।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अमित शाह के कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण की मांग स्वीकार करने वाले दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी मुख्य मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम के फर्जी विमर्श में नहीं फंसेंगे।”
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आपको बता दें कि बीजेपी नेता अमित शाह ने कहा था कि “हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। फिर भी कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले आरक्षण का वादा किया।”