देवेंद्र फडणवीस और नाना पटोले (सोर्स: सोशल मीडिया)
अकोला: अकोला पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों को इस चुनाव में बगावत का सामना करना पड़ रहा है। आगामी सोमवार को नामांकन वापसी के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र की लड़ाई की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। अकोला पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी से साजिद खान पठान की आधिकारिक उम्मीदवारी की घोषणा होते ही, इसी पार्टी के इच्छुक डाॅ. जीशान हुसैन ने तुरंत वंचित बहुजन आघाड़ी में प्रवेश कर अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है। इसके साथ ही, पूर्व महापौर मदन भरगड ने भी निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल की है।
महायुति से बीजेपी विजय अग्रवाल को पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवारी मिली है। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही, बीजेपी के वरिष्ठ नेता डाॅ. अशोक ओलंबे ने प्रहार जनशक्ति पार्टी में प्रवेश कर अपना उम्मीदवारी नामांकन दाखिल कर दिया है। इसके साथ ही, भाजपा नेता हरीश आलिमचंदानी ने भी निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल की है।
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अकाेला पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास अघाड़ी से कांग्रेस को सीट मिलने के बावजूद, इसी गठबंधन के घटक दल शिवसेना (यूबीटी) से राजेश मिश्रा और प्रकाश डवले ने भी निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल की है। इन सभी को नाम वापस लेने के लिए वरिष्ठ नेताओं द्वारा मनाने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. अशोक ओलंबे और हरीश आलिमचंदानी से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संपर्क साधने का प्रयास जारी है, हालांकि डॉ. अशोक ओलंबे ने प्रहार जनशक्ति पार्टी में आधिकारिक रूप से प्रवेश कर लिया है, इसलिए उनके नामांकन वापसी का सवाल ही नहीं उठता। वहीं, हरीश आलिमचंदानी से प्रदेश स्तर पर संपर्क साधा जा रहा है। वे क्या निर्णय लेते हैं, यह 4 नवंबर को स्पष्ट होगा।
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अकोला पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में दिवंगत गोवर्धन शर्मा ने लगातार जीत हासिल कर इस निर्वाचन क्षेत्र को भाजपा के पास बनाए रखा। उनके रहते इस निर्वाचन क्षेत्र में कभी भी बगावत नहीं हुई। लेकिन उनके निधन के बाद, इस निर्वाचन क्षेत्र में गठबंधन को 30 वर्षों में पहली बार बगावत का सामना करना पड़ रहा है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस आंतरिक बगावत को रोकने के लिए अत्यधिक प्रयास करने पड़ रहे हैं।