संजय राउत (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) में शामिल घटक दल सीटों के बंटवारे की गुत्थी सुलझाने के करीब है। हालांकि महा विकास आघाड़ी में कुछ सीटों पर मतभेद भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसी सीटों में शामिल श्रीगोंदा विधानसभा सीट को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के बीच घमासान मच गया है। इस घमासान में उद्धव गुट के सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने पहली बार पलटवार करते हुए दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है।
कहा जा रहा है कि संजय राउत ने श्रीगोंदा विधानसभा उम्मीदवार की घोषणा की है। इसकी वजह से महा विकास आघाड़ी में घमासान शुरू हो गया। एनसीपी नेता शरद पवार ने राउत को उनका नाम लिए बगैर फटकारते हुए कहा कि अभी तक सीट के बंटवारे पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे कोई भी किसी प्रत्याशी की एकतरफा घोषणा नहीं कर सकता।
यह भी पढ़ें:– एकनाथ खडसे की घर वापसी पर संशय, बोले- मेरा भाजपा प्रवेश गणेश विसर्जन के साथ विसर्जित
शरद पवार पर पलटवार करते हुए संजय राउत ने कहा कि श्रीगोंदा को लेकर क्या हुआ मुझे जानकारी नहीं है लेकिन पवार को श्रीगोंदा सीट के आवंटन के संबंध में कुछ गलत जानकारी मिली है। रही बात उम्मीदवारों के घोषणा की तो हर राजनीतिक दल अपने इच्छुक उम्मीदवारों को तैयारियों में जुटने के लिए संदेश देता है।
संजय राउत ने महा विकास आघाड़ी गठबंधन के सहयोगियों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमने 288 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में तैयारी की है। कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी ने भी अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं को ऐसे ही तैयार रहने के संदेश दिए होंगे। फिलहाल मैं इतना ही कह सकता हूं कि श्रीगोंदा में महाविकास अघाड़ी का उम्मीदवार जीतेगा।
यह भी पढ़ें:– गडचिरोली विधानसभा को लेकर कांग्रेस में शीतयुद्ध, वर्षा आत्राम को ‘साथ’ या माधुरी को मिलेगा ‘हाथ’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महायुति सरकार ने राज्य में चुनाव नहीं कराने की नीति अपनाई है। क्योंकि चुनाव हुआ तो लोग जूते मारेंगे। महायुति में शामिल एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार उन जगहों पर चुनाव कराने से कराने से डर हैं जहां वोटरों को खरीदा नहीं जा सकता।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उन्होंने सवाल किया कि यह क्या यह सरकार लोकतंत्र और जनशक्ति से डरती है? उन्हें चुनाव से लगभग 24 घंटे हले यह एहसास हो गया कि वे शत-प्रतिशत हार जाएंगे तो सीनेट का चुनाव रद्द कर दिया गया लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन पर तमाचा जड़ दिया और चुनाव का रास्ता साफ कर दिया।