तेजस्वी यादव के साथ बृजकिशोर बिंद (फोटो- सोशल मीडिया)
Brijkishore Bind Joins RJD: बिहार में विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन इससे पहले पूरे प्रदेश में नेताओं के दल बदल के दौर ने तेजी पकड़ ली है। दुश्मन दोस्त बन रहे हैं और दोस्त अपने ही साथियों के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ तब देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बृजकिशोर बिंद ने भाजपा का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया।
सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले ही बृजकिशोर बिंद और पूर्व विधायक निरंजन यादव की एक तस्वीर वायरल हो रही थी। इसमें दोनों राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के साथ नजर आ रहे थे। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों जल्द ही आरजेडी में शामिल हो सकते हैं और ऐसा हुआ भी। बिंद ने शुक्रवार को आरजेडी के साथ अपने नए राजनीतिक सफर की शुरुआत का ऐलान कर दिया। हालांकि, निरंजन यादव अभी तक आरजेडी में शामिल नहीं हुए हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपने कई विधायकों का टिकट काट सकती है। उनकी जगह नए चेहरों पर दांव लगा सकती है। इन्हीं आशंकाओं के चलते दोनों नेताओं को भी अपने टिकट कटने का डर सता रहा था। इसी सिलसिले में उन्होंने तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी, जिसका नतीजा अब सबके सामने है। इसके अलावा माना जा रहा है कि निरंजन यादव भी देर-सबेर आरजेडी में शामिल हो जाएंगे।
माना जा रहा है कि बृजकिशोर बिंद के टिकट कटने की अटकलें तेज थीं, क्योंकि जिस सीट से वे दावेदारी कर रहे हैं, वहां पिछला विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने जीता था। BSP के विधायक जमा खान बाद में जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हो गए और वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री भी हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही थी कि यह सीट JDU के कोटे में चली जाए। इसी आशंका के चलते बृजकिशोर बिंद ने समय रहते राजनीतिक दल बदलने का फैसला ले लिया।
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बृजकिशोर बिंद की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 2009 में चैनपुर उपचुनाव से हुई थी। इसके बाद वे लगातार तीन बार विधायक चुने गए। उनके प्रदर्शन और अनुभव को देखते हुए उन्हें 2018 में नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्हें खनन, भूविज्ञान तथा पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।