प्रवेश वर्मा, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: दिल्ली में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला लिया गया। इस फैसले से नई दिल्ली सीट से विधायक चुने गए प्रवेश वर्मा को झटका लगा है, जिन्हें सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, पार्टी ने उन्हें उप-मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी है।
प्रवेश वर्मा ने हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव में हराया था। इसके बाद से वे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन आखिरी फैसले में उनका नाम पीछे रह गया।
गौरतलब है कि प्रवेश वर्मा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जो 27 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 साल बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 8 फरवरी को आए नतीजों में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर कब्जा जमाया। हालांकि, मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में 11 दिन की देरी हुई, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी (आप) लगातार सवाल उठा रही थी।
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चुनाव परिणाम आने के बाद से ही बीजेपी में नए मुख्यमंत्री को लेकर कई नाम चर्चा में थे, जिनमें प्रवेश वर्मा का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। उन्होंने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया। प्रवेश वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रवेश वर्मा आखिरकार पिछड़ गए। हालांकि इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। बीजेपी नहीं चाहती कि उस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगे। पार्टी यह संदेश देना चाह रही है कि वह किसी भी साधारण कार्यकर्ता को प्रदेश के शीर्ष पद तक पहुंचा सकती है, जैसा कि उसने मध्य प्रदेश और राजस्थान में किया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश और ऊर्जा बनी रहती है। प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं, और हरियाणा तथा दिल्ली में इस समुदाय ने बीजेपी पर भरोसा जताया है। माना जा रहा है कि जाटों में पार्टी के प्रति कोई असंतोष नहीं है।
वहीं, रेखा गुप्ता बनिया समुदाय से हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से आते हैं और मूल रूप से हरियाणा के निवासी हैं। रेखा गुप्ता भी हरियाणा के जींद जिले से संबंध रखती हैं, जो इस दौड़ में उनके पक्ष में एक कारक माना जा रहा है।
बीजेपी महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए राजधानी में महिला मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। एनडीए की सरकार 20 से अधिक राज्यों में है, लेकिन फिलहाल किसी भी राज्य में कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में पार्टी रेखा गुप्ता को दिल्ली का नेतृत्व सौंपकर यह संदेश देना चाहती है कि वह महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि दिल्ली में बीजेपी की आखिरी सरकार 1993 से 1998 तक थी, जिसमें अंतिम वर्षों में सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री रही थीं।