प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर। (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मुश्किलें कम हाेने का नाम नहीं ले रहे है। प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थगित करने के बाद अब संघ लोक सेवा आयोग ने विवादित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर बड़ी कार्रवाई की है। पूजा खेडकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आयोग ने उनको भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं से भी वंचित कर दिया है। इसके अलावा कारण पूजा खेडकर को बताओ नोटिस भी जारी करके जवाब मांगा है।
यूपीएससी ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रशिक्षु आईएएस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए अपनी पहचान फर्जी बनाने के लिए एफआईआर दर्ज की है। आयोग ने कहा कि उसने उनके चयन को रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से वंचित करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
यूपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस जांच से यह पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाकर नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से हटकर धोखाधड़ी से प्रयास किए। खेड़कर को सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार बनाया गया था।
इसके अलावा यूपीएससी ने कहा कि उसने पुलिस अधिकारियों के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करके आपराधिक मुकदमा चलाने सहित उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों के अनुसार, आईएएस पूजा खेड़कर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उम्मीदवारी रद्द करने, भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
बता दें कि 16 जुलाई को इस विवादित अधिकारी खेडकर को महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त कर दिया गया था। साथ ही उन्हें उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में वापस बुला लिया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे के पत्र में कहा गया है, ” लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी ने आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का फैसला किया है।”
आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का कड़ाई से पालन करता है। साथ ही आगे भी बिना किसी एजस्टमेंट व भेदभाव के सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है।