दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (सौजन्य सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के मद्देनजर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने बुधवार को निर्माण स्थलों पर कार्यरत मजदूरों को दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक वेतन सहित अवकाश देने तथा नारियल पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि दिल्ली में बुधवार को गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यहां मुंगेशपुर इलाके में अधिकतम तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह राष्ट्रीय राजधानी में अब तक दर्ज किया गया सर्वाधिक तापमान है। दिल्ली के प्राथमिक मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 79 वर्षों में सबसे अधिक है।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भीषण गर्मी को देखते हुए बस स्टैंड पर पानी के घड़े रखवाएं जाएं। इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संबंधित मंत्री की संवेदनहीनता और गंभीरता की कमी का भी उल्लेख किया और कहा कि अभूतपूर्व लू की स्थिति के बावजूद मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इन निर्देशों को सरकारी विनिर्माण एजेंसियों और निजी प्रतिष्ठानों समेत पूरी दिल्ली में विनिर्माण स्थलों पर लागू किया जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मजदूरों के लिए तीन घंटे का अवकाश 20 मई से ही लागू कर दिया है और जब तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ जाता तब तक यह व्यवस्था सभी स्थलों पर जारी रहेगी। उप राज्यपाल के प्रधान सचिव द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को भेजे गए एक पत्र में यह निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि कुछ स्थानों पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के साथ दिल्ली अभूतपूर्व लू की स्थिति का सामना कर रही है और शहर के इतिहास में पहली बार इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है।
Observed Maximum Temperature Dated 28.05.2024
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— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 28, 2024
अधिकारियों को इस संबंध में लिखे गए एक पत्र में उपराज्यपाल ने कहा है, ‘‘भीषण गर्मी में लगातार काम करने वाले गरीब मजदूरों की दुर्दशा प्रशासन के मानवीय दृष्टिकोण की मांग करती है। हजारों बेघर लोग और रेहड़ी-पटरी वाले पेयजल की सुविधा के बिना, बच्चों के साथ फुटपाथ पर अपना दिन गुजारते हैं और यह दिल दहला देने वाला दृश्य होता है।” पत्र के अनुसार, ‘‘सामान्यत: वह (उपराज्यपााल) उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री शहर में लू से निपटने के लिए कोई कार्य योजना बनाने के मकसद से बैठक बुलाएंगे। भीषण गर्मी से निपटने में संवेदनशीलता और गंभीरता की कमी उनके लिए बहुत चिंता का विषय है।”
अधिकारियों ने बताया कि उप राज्यपाल ने 20 मई को डीडीए को निर्देश दिए थे कि निर्माण स्थलों में मजदूरों के लिए पानी और नारियल पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि मजदूरों के शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाए। उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने अपने निर्देश में कहा कि मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी, डीजेबी, आईएंडएफसी, एमसीडी, एनडीएमसी, बिजली विभाग, डीयूएसआईबी के अधिकारियों की तत्काल बैठक आयोजित करें और मजदूरों तथा पर्यवेक्षण से जुड़े कर्मचारियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें। अधिकारियों के अनुसार इसके अलावा उपराज्यपाल ने सभी बस स्टैंड में पानी के घड़े रखने के भी निर्देश दिए ताकि यात्रियों को पेयजल की समस्या न हो। साथ ही उन्होंने सड़कों पर छिड़काव के लिए टैंकर आदि की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा ऊंची इमारतों में आसपास के तापमान को कम करने के लिए पानी के छिड़काव की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने 27 मई को जारी एक परामर्श में राष्ट्रीय राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए आवश्यक विभिन्न उपायों की सूची जारी की थी। परिपत्र में प्रतिष्ठानों से कार्यस्थल पर पर्याप्त स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, कार्यस्थल पर कूलर/पंखे की उपलब्धता और उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करने को कहा गया था। परिपत्र में यह भी कहा गया कि किसी भी कर्मचारी को सीधे तेज धूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए तथा दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच के व्यस्ततम समय से बचने के लिए जहां तक संभव हो कार्य की पाली में परिवर्तन करने की सलाह दी जाती है।
(एजेंसी)