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नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से जहरीली होती जा रही है। शुक्रवार, 16 मई 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 278 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। इसके चलते कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने तुरंत प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-1 को लागू कर दिया है।
इस बार वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण उत्तर पाकिस्तान से आया धूल का तूफान बताया जा रहा है, जो पंजाब और हरियाणा होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि ये धूल पश्चिमी हवाओं के जरिए दिल्ली तक पहुंच रही है। गुरुवार को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की रनवे पर धूल की मोटी परत देखी गई, जिससे विजिबिलिटी भी प्रभावित हुई है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने कुछ जरूरी निर्देश जारी किए हैं, जो हर नागरिक को मानने होंगे। अपने वाहन के इंजन को सही तरीके से ट्यून रखें। टायर का दबाव हमेशा संतुलित रखें। गाड़ी की PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट अपडेट रखें। ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी बंद रखें, अनावश्यक आइडलिंग न करें। ईवी या हाइब्रिड वाहनों को प्राथमिकता दें। खुले में कचरा न फेंके, न जलाएं। 10 या 15 साल पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों को न चलाएं।
IMD के अनुसार, यह धूल उत्तर पाकिस्तान से चल रही तेज हवाओं के जरिए पंजाब और हरियाणा के रास्ते दिल्ली-एनसीआर तक पहुंची है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि हवा की दिशा पूर्व की ओर घूम रही है, जिससे पालम क्षेत्र में दृश्यता लगभग 4000 मीटर तक पहुंच गई है। IMD का कहना है कि यदि दृश्यता 1000 मीटर से अधिक रहती है, तो उसे गंभीर डस्ट स्टॉर्म नहीं माना जाता, लेकिन स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहता है।
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इस समय दिल्ली का AQI 278 है, जो कि खराब श्रेणी में आता है। इससे अस्थमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। दिल्ली-NCR के नागरिकों को फिलहाल सतर्क रहना होगा।