रेखा गुप्ता कैबिनेट दिल्ली जन विश्वास संशोधन विधेयक को पास किया (सोर्स- सोशल मीडिया)
Delhi Jan Vishwas Amendment Bill: दिल्ली की सियासत और प्रशासन में मंगलवार को एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली जन विश्वास उपबंध संशोधन विधेयक-2026 को मंजूरी दी गई। इस बिल का मुख्य उद्देश्य छोटे-मोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करके उन्हें सिविल पेनाल्टी में बदलना है। इसका उद्देश्य है कि आम लोग और व्यापारी बिना किसी कानूनी झंझट के अपने काम कर सकें।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह विधेयक न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को भी सरल करेगा। इस बिल के तहत अब छोटे नियमों के उल्लंघन पर आपराधिक केस नहीं दर्ज होंगे, जिससे अदालतों पर बोझ कम होगा और प्रशासनिक व्यवस्था ज्यादा प्रभावी हो सकेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि यह विधेयक दिल्ली विधानसभा के विंटर सेशन में पेश किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 5 जनवरी से होगी।
इस विधेयक में दिल्ली के कई महत्वपूर्ण कानूनों को शामिल किया गया है, जैसे दिल्ली इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट, दिल्ली शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ बेड एंड ब्रेकफास्ट एक्ट, दिल्ली जल बोर्ड एक्ट, दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेजेज एक्ट, डिप्लोमा लेवल टेक्निकल एजुकेशन एक्ट और दिल्ली एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट। इन कानूनों के तहत अब मामूली उल्लंघनों पर जेल या आपराधिक कार्रवाई की बजाय जुर्माना लगाया जाएगा।
बिल में यह भी प्रावधान है कि जुर्माने की राशि हर तीन साल में 10 प्रतिशत बढ़ेगी, ताकि महंगाई के साथ पेनाल्टी प्रभावी बनी रहे। दिल्ली सरकार का मानना है कि इस कदम से कानूनों का पालन करना आसान होगा, लेकिन लोग बिना किसी भय या उत्पीड़न के अपना काम कर सकेंगे।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्र सरकार के जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम की तर्ज पर एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है। इसका उद्देश्य दिल्ली में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन विश्वास योजना से प्रेरित है। केंद्र ने 2023/2025 में छोटे अपराधों को अपराधमुक्त किया था और राज्यों को अपने कानूनों की समीक्षा की सलाह दी थी। दिल्ली सरकार की समीक्षा में पाया गया कि कई मामलों में नागरिक दंड अधिक व्यावहारिक और प्रभावी है, जिससे विश्वास और सरल प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा।