दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया। प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली ने सबसे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को शपथ दिलाई। अब विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। इससे पहले उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली को शपथ दिलाई। विधानसभा सत्र 27 फरवरी तक चलेगा। इसी सत्र में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का स्पीकर बनना लगभग तय है। वहीं मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है। विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को CM रेखा गुप्ता से मुलाकात की थी।
दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा था कि विधानसभा के इसी सत्र में CAG की सभी 14 पेंडिंग रिपोर्ट पेश की जाएंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि AAP सरकार की गलत शराब नीति से दिल्ली को 2026 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उपराज्यपाल सक्सेना 25 फरवरी को विधानसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की जाएगी। फिर LG के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए विधानसभा में चर्चा होगी।
दिल्ली के नए मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा में अलग अंदाज में शपथ ली। उन्होंने संस्कृति में अपनी शपथ ली। इस दौरान अन्य भारतीय जनता पार्टी के विधायक टेबल थपथपाकर उनका समर्थन करते हुए नजर आए। मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक प्रवेश रतन जैसे ही सदन में विधायक पद की शपथ लेने पहुंचे तो उन्होंने शपथ पत्र पढ़ने के बाद अंत में ‘जय भीम, जय भारत’ शब्द का प्रयोग किया। इसपर प्रोटेम स्पीकर अरविंद सिंह लवली ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सख्त शब्दों में अपनी बात को दोहराते हुए विधायकों से कहा कि जितना शपथ पत्र में लिखा है, केवल उतना ही बोला जाए। इससे कम या ज्यादा शब्द का प्रयोग कोई भी सदस्य ना करें।
दिल्ली की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को सदन में कई महत्वपूर्ण घटनाएं होने की संभावना दिख रही है। सबसे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पहली बार विधानसभा को संबोधित करने वाले हैं। उपराज्यपाल का अभिभाषण आम तौर पर सरकार की योजनाओं और नीतियों पर आधारित होता है, लेकिन इसमें पिछली आप सरकार के कामकाज पर टिप्पणियां भी हो सकती हैं। ऐसे में इस अभिभाषण को लेकर विपक्षी पार्टी आप की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। दरअसल, आप विधायकों के चुप रहने की संभावना कम है। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी सत्ता परिवर्तन होने के बाद से सत्ताधारी भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही हैं।