दो एरिया कमांडरों ने किया आत्मसमर्पण (सौ. सोशल मीडिया)
Two Naxalites Surrendered : झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने की दिशा में सुरक्षाबलों को एक ऐतिहासिक सफलता हाथ लगी है। चतरा जिले में शुक्रवार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वालों में संगठन के एरिया कमांडर कुणाल उर्फ कुलदीप और रोहिणी गंझू शामिल हैं। दोनों नक्सलियों कई गंभीर धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इन दोनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था। सरकार की आत्मसमर्पण नीति के अनुसार, इनाम की राशि का चेक उन्हें तत्काल प्रदान कर दिया गया। दोनों नक्सली जिले के उपायुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी सुनील भास्कर के समक्ष आत्मसमर्पण करने पहुंचे। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के मानवेंद्र कुमार सिंह, डीसी कीर्ति, एसपी सुमित कुमार अग्रवाल और एसएसबी कमांडेंट संजीव कुमार भी उपस्थित थे। आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने एक एसएलआर राइफल, एक सेमी राइफल और लगभग 200 राउंड जिंदा कारतूस पुलिस के हवाले किए।
अधिकारियों के अनुसार, एरिया कमांडर कुणाल के विरुद्ध चतरा और पलामू जिलों में 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि रोहिणी गंझू के खिलाफ 10 से अधिक गंभीर मामले हैं। एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि लगातार संवाद और प्रोत्साहन से दोनों नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया गया। हाल के महीनों में झारखंड के विभिन्न जिलों में जारी लगातार अभियान और सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण नक्सली संगठन कमजोर हुए हैं।
ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में माओवाद पर सबसे बड़ा प्रहार, 190 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री के सामने डाले हथियार
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए सरकार ने ‘नई दिशाएं’ नामक विशेष नीति बनाई है, जिसके तहत मुख्यधारा में लौटने पर उन्हें खुली जेल में रखा जाता है और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था भी सरकार की ओर से की जाती है। सरकार उनके पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद भी करती है। इस साल जनवरी से लेकर सितंबर तक राज्य में कुल 266 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि इस दौरान 30 आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटे हैं। इस वर्ष अब तक मुठभेड़ की अलग-अलग घटनाओं में 32 नक्सली मारे गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)