स्वामी चैतन्यानंद के फर्जीवाड़े का खुलासा
UN BRICS Fake Card Recovered From Chaitanyananda: दिल्ली के एक मैनेजमेंट कॉलेज की 17 छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी सिर्फ यौन शोषण के मामले तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके बाद जो खुलासा हुआ है, वह हैरान करने वाला है। यह बाबा खुद को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत और ब्रिक्स देशों का विशेष दूत बताकर लोगों पर धौंस जमाता था और अपना प्रभाव दिखाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नाम से कॉल तक करवाता था।
दो महीने से पुलिस को चकमा दे रहा यह बाबा लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि पुलिस टीमें हरियाणा, राजस्थान से लेकर पश्चिम बंगाल तक उसकी तलाश कर रही थीं। बीते दो महीनों में वह उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन और आगरा के करीब 13 अलग-अलग होटलों में छिपकर रहा। आखिरकार, एक गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस ने उसे शनिवार सुबह आगरा के एक होटल से दबोच लिया। फिलहाल उसे वसंत कुंज थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस को बाबा के पास से तीन मोबाइल फोन, एक आईपैड और दो बेहद शातिर तरीके से बनाए गए फर्जी विजिटिंग कार्ड मिले हैं। एक कार्ड पर उसने खुद को संयुक्त राष्ट्र में भारत का ‘स्थायी राजदूत’ बताया था, तो दूसरे कार्ड में वह ब्रिक्स देशों के संयुक्त आयोग का सदस्य और भारत का ‘विशेष दूत’ बना हुआ था। इन कार्ड्स का इस्तेमाल वह लोगों पर अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुंच का रौब डालने के लिए करता था, ताकि कोई उसके खिलाफ आवाज न उठा सके।
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पुलिस द्वारा जब्त किए गए फोन और आईपैड की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इन्हीं डिवाइस में वह मोबाइल फोन भी शामिल है, जिससे बाबा गर्ल्स हॉस्टल की सीसीटीवी फुटेज का एक्सेस रखता था और छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था। एफआईआर के मुताबिक, वह छात्राओं को देर रात अपने कमरे में बुलाने के लिए मजबूर करता था और उन्हें आपत्तिजनक संदेश भेजता था। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इन फर्जी कार्ड्स के जरिए उसने कोई आर्थिक या राजनीतिक लाभ तो नहीं उठाया।