छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बेड न मिलने से कैंसर पीड़िता की मौत (फोटो- सोशल मीडिया)
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। महिला ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज में थी और क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में बेड न मिलने के कारण उन्हें सामान्य वार्ड में ही इलाज दिया गया। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने एक प्रेस नोट जारी कर सफाई दी है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों को स्पष्ट किया है।
52 वर्षीय कुसुम पांडे पिछले पांच वर्षों से रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल में इलाज करा रही थीं। उन्हें 21 अप्रैल 2020 को कैंसर विभाग में पंजीकृत किया गया था और सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी समेत सभी आवश्यक उपचार उपलब्ध कराए गए थे। 16 जून 2025 को दोपहर 1:20 बजे उन्हें गंभीर हालत में पैलेटिव वार्ड में भर्ती कराया गया।
CCU में नहीं मिला बेड, वार्ड में ही हुआ इलाज
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, 20 जून की रात कुसुम पांडे की हालत अचानक बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी और ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ. रूपाली सेंड ने तुरंत मरीज की स्थिति को देखा और CCU में बेड न होने की वजह से इलाज वहीं वार्ड में जारी रखा। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों की लगातार निगरानी में जरूरी चिकित्सा दी गई, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद 21 जून की सुबह 4:05 बजे मरीज ने दम तोड़ दिया।
अस्पताल प्रबंधन की सफाई, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी फैल गई। कई यूज़र्स ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाए। जवाब में अस्पताल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि मरीज को पहले से ही पूर्ण इलाज उपलब्ध कराया गया था और उनकी स्थिति कैंसर के अंतिम चरण में थी। CCU में जगह न होने के बावजूद डॉक्टरों ने पूरी क्षमता से इलाज जारी रखा। अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि कोई लापरवाही नहीं हुई है।
यह मामला एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की सीमाओं को उजागर करता है, जहां सुविधाएं सीमित हैं और मरीजों की जान पर बन आती है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने स्पष्टीकरण देकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती और समय रहते व्यवस्था सुधार की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।