छ.ग. के पूर्व सीएम भूपेश बघेल व बेटे चैतन्य बघेल (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार सुबह उनकी भिलाई स्थित वसुंधरा नगर निवास और रायपुर निवास पर छापेमारी की गई। शराब घोटाले से जुड़े मामले में ED की टीमों ने प्रदेशभर में 14 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल से भी पूछताछ जारी है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले से 2161 करोड़ रुपये की अवैध आय अर्जित की गई, जिसे अलग-अलग योजनाओं के जरिए निकाला गया। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस इसे षड्यंत्र बता रही है, जबकि बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई करार दे रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ED की टीम दो गाड़ियों में पहुंची और घंटों तक दस्तावेजों की जांच की। यह कार्रवाई सिर्फ उनके घर तक सीमित नहीं रही, बल्कि राज्यभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की गई। इनमें उनके करीबी सहयोगियों के ठिकाने भी शामिल हैं। इसी दौरान बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी उनके रायपुर निवास पहुंचे और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। इस रेड को लेकर बघेल समर्थकों में हलचल है और बड़ी संख्या में लोग उनके निवास के बाहर जमा हो गए हैं।
ED ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि यह कार्रवाई शराब घोटाले से जुड़ी है, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। जांच एजेंसी का दावा है कि घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय 2161 करोड़ रुपये आंकी गई है और चैतन्य बघेल भी इसमें लाभार्थी रहे हैं। इस घोटाले में पैसे को विभिन्न योजनाओं के जरिए निकाला गया। एजेंसी ने बताया कि इस मामले से जुड़े और भी बड़े नाम जल्द सामने आ सकते हैं।
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इस छापेमारी को लेकर भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनके कार्यालय ने ट्वीट कर इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया और कहा कि कांग्रेस को रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वहीं, राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इसे एक सामान्य जांच प्रक्रिया बताया और कहा कि बघेल सरकार के दौरान शराब, कोयला और महादेव ऐप घोटाले हुए, जिसमें उनके कई सहयोगी जेल में हैं। अब ED कानून के अनुसार कार्रवाई कर रही है, इसे राजनीति से जोड़ना सही नहीं है।