इलाहाबाद हाई कोर्ट
लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने शिक्षक भर्ती के मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सरकार से आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमों का पालन कर तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 19 हजार पदों पर आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। ओबीसी वर्ग को 27% की जगह सिर्फ 3.86% आरक्षण दिया गया था। जबकि, अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को 21% की जगह 16.2% आरक्षण दिया गया था। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि भर्ती नियमानुसार हुई है।
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हाई कोर्ट ने नई सूची जारी करने का फैसला 12 अगस्त को आदेश सुनाया था, जिसे आज डिलीवर किया गया। नई लिस्ट जारी होने से अब पिछले चार साल से पढ़ा रहे शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 1 जून 2020 को 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया था। इसमें सामान्य का कटऑफ 67.11% और ओबीसी का कटऑफ 66.73% रहा था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2018 में 69 हजार सहायक अध्यापक की भर्ती की थी। जबकि, जनवरी 2019 में परीक्षा कराई गई थी। भर्ती में 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से करीब 1.40 लाख सफल हुए। हालांकि, मेरिट लिस्ट आते ही अभ्यर्थियों ने भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाना शुरू कर दिया। इसके अभ्यर्थियों ने कोर्ट का रुख किया।
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