उत्तर प्रदेश में बनेंगी तीन नई यूनिवर्सिटी
Up Cabinet Decision:यूपी कैबिनेट ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है। राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप और शहरी नियमों में बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है। मुजफ्फरनगर, मथुरा और बाराबंकी में नई यूनिवर्सिटी, यूके के साथ स्कॉलरशिप स्कीम और विज्ञापन लाइसेंस की अवधि करीब 15 साल करने जैसी अहम बातें राज्य हित में एक बड़ा निर्णायक मोड़ साबित होंगी।
इन तीन नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी को मिली हरी झंडी
-वेदांता यूनिवर्सिटी (मुजफ्फरनगर): कैबिनेट ने मुजफ्फरनगर में वेदांता यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए ‘लाला फतेह चंद चैरिटेबल ट्रस्ट’ को मंजूरी दे दी है। यह यूनिवर्सिटी 23.3349 एकड़ जमीन पर बनेगी।
-केडी यूनिवर्सिटी (मथुरा): मथुरा में केडी यूनिवर्सिटी की स्थापना को भी मंजूरी मिल गई है। यह यूनिवर्सिटी भी उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 के तहत स्थापित की जाएगी।
-बोधिसत्व यूनिवर्सिटी (बाराबंकी): बाराबंकी के गड़िया गांव में ‘बोधिसत्व चैरिटेबल ट्रस्ट’ को बोधिसत्व यूनिवर्सिटी के लिए अनुमति दी गई है। यह 25.31 एकड़ जमीन पर बनेगी।
कैबिनेट ने यूके सरकार के ‘फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (FCDO)’के साथ मिलकर ‘भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी-चेवनिंग उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट स्कॉलरशिप स्कीम’ को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के तहत, हर साल यूपी के 5 मेधावी छात्रों को यूके के प्रतिष्ठित संस्थानों में एक साल के मास्टर डिग्री कोर्स के लिए भेजा जाएगा। स्कॉलरशिप में ट्यूशन, परीक्षा शुल्क, रहने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च शामिल होगा।
यूपी सरकार प्रति छात्र लगभग 19,800 पाउंड (करीब 23 लाख रुपए) का खर्च उठाएगी, जबकि बाकी राशि (लगभग 38,048 से 42,076 पाउंड) यूके सरकार देगी।
कैबिनेट ने शहरी विज्ञापनों (aerial signage)के लाइसेंस की वैधता 2 साल से बढ़ाकर 15 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस बदलाव से शहरी विज्ञापन क्षेत्र में बड़े निवेश और नए प्रयोगों को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है। साथ ही नगर निगमों की आय में भी स्थिरता आने की पूरी उम्मीद है।
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उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) अधिनियम, 2002 में संशोधन का प्रस्ताव भी पास कर दिया है। इसके तहत, विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से एक-एक सीनियर प्रोफेसर को शामिल किया जाएगा। इन सदस्यों को राज्यपाल द्वारा नामित भी किया जाएगा।