जेप्टो (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : जेप्टो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ आदित पलीचा ने कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल की इंडियन स्टार्टअप परिवेश तंत्र और इसकी इनोवेशन प्रायोरिटीज पर की गई टिप्पणियों पर तीखा रिएक्शन दिया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरूवार को इंडियन स्टार्टअप समुदाय से कहा था कि वे अपना ध्यान किराना सामान की सप्लाई और आइसक्रीम बनाने से हटाकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग यानी एमएल, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियसल इंटेलीजेंस यानी एआई जैसे हाई टेक्निकल वाले सेक्टर पर लगाएं। मंत्री ने पूछा था “क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है?”
पालीचा ने उनकी कंपनी के एम्पॉलयमेंट, एफपीआई में योगदान का हवाला देते हुए इसका पुरजोर बचाव किया और इसे ‘‘इंडियन इनोवेशन में चमत्कार” करार दिया। टेक्नोलॉजी बेस्ड इनोवेशन को बढ़ावा देने में ‘उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों’ द्वारा निभाई गई भूमिका को हाईलाइट करते हुए पालिचा ने तर्क दिया कि स्टार्टअप परिवेश तंत्र, सरकार तथा भारतीय पूंजी के बड़े वर्ग के मालिकों को इन स्थानीय कंपनियों के निर्माण में एक्टिव रूप से समर्थन करने की जरूरत है, ‘‘न कि उन दलों को पीछे धकेलने की, जो उस लेवल पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
‘उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों’ का मतलब ऐसी कंपनियों से हैं जो इंटरनेट के माध्यम से उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट्स या सर्विस मुहैया कराती हैं। पालीचा ने प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर लिखा है कि भारत में कंज्यूमर्स इंटरनेट स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है, खासकर जब आप उनकी तुलना अमेरिका/चीन में विकसित की जा रही इन डेप्थ टेक्नोलॉजी एक्सलेंस से करते हैं। असलियत यह है कि आज लगभग 1.5 लाख लोग जेप्टो से रोजी रोटी कमा रहे हैं। एक ऐसी कंपनी जो 3.5 साल पहले अस्तित्व में नहीं थी।
गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा था कि क्या हम डिलिवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे? क्या यही भारत की नियति है? यह स्टार्टअप नहीं है, यह उद्यमिता है, दूसरी ओर क्या हो रहा है – रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी मैन्युफैक्चरिंग और अगली पीढ़ी के कारखाने आदि।
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पालीचा ने कहा कि जेप्टो अब भी एक महान इंटरनेट कंपनी बनने से बहुत दूर है जो ग्लोबल लेवल पर सर्वश्रेष्ठ कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके, लेकिन ‘‘कंपनी वहां पहुंचने के लिए दिन-रात काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं वादा कर सकता हूं कि इस व्यवसाय से हम जो भी पूंजी जुटाएंगे और ईमानदारी से ऐसा लगता है कि हम जुटाएंगे उसका इंवेस्टमेंट भारत में लॉन्ग टर्म इनोवेशन और मूल्य सृजन के लिए किया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)