जेवर एयरपोर्ट (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में जल्द ही 2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरु होने जा रहे हैं। पहला एयरपोर्ट होगा इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो कि अभी भी चालू है। वहीं दूसरा एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में बनने के लिए तैयार है। इन दोनों एयरपोर्ट को एक दूसरे से कनेक्ट करना एक काफी चैलेजिंग टास्क हो सकता है। इन दोनों एयरपोर्ट के बीच की दूरी तकरीबन 85 किलोमीटर है और इन्हें कनेक्ट करने वाली सड़क पर भयंकर ट्रैफिक होता है।
दिल्ली के ट्रैफिक को देखते हुए अगर कोई कहे कि आप इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और जेवर एयरपोर्ट की दूरी सिर्फ 21 मिनट में तय कर सकते है, तो आपको ये मजाक जरूर लग सकता है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार इन दोनों एयरपोर्ट को लेकर कुछ ऐसी प्लानिंग कर रही है, जो इसे हकीकत में तब्दील कर सकती है। इसके बाद आप सच में दिल्ली एयरपोर्ट और जेवर एयरपोर्ट के बीच की दूरी को 21 मिनट में तय कर सकते हैं।
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दिल्ली एयरपोर्ट और जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए पहला ऑप्शन इंस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेसवे है। इन दोनों को जोड़ने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज बनाने की तैयारी शुरू है। साथ ही दिल्ली और वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जेवर एयरपोर्ट को स्टेशन के साथ जोड़ा जाने वाला है। इससे जेवर और दिल्ली एयरपोर्ट के बीच की दूरी 21 मिनट में तय की जाएगी।
देश की राजधानी दिल्ली और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए रैपिड रेल सर्विस प्रोजेक्ट को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसे फाइनल अप्रूवल के लिए भारत सरकार को भेजा जा चुका है। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से बल्लभगढ़ यानी हरियाणा से जोड़ा जा चुका है। ये 30 किमी लंबा हो सकता है, जिसमें से 8.5 किमी उत्तर प्रदेश में तथा 21.5 किमी हरियाणा में स्थित होगा। पहले फेज में 2 रनवे के साथ ये टोटल 5 रनवे का होगा, जिसकी एनुअल ट्रेवलर्स कैपेसिटी 22.5 करोड़ यात्रियों की होने वाली है।
पहले फेज में एयरपोर्ट पर 2 रनवे होंगे, जो दूसरे चरण में बढ़ कर 5 रनवे का हो जाएगे। 2 रनवे वाला ये एयरपोर्ट 7 करोड़ सालाना यात्रियों की कैपेसिटी का होगा और इस पर लगभग 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका विकास 4 फेज में होने वाला है।