धरती के अंदर सोना।
Gold Reserve on Earth: सोने की बात आती है तो लोगों के चेहरे पर खुशी आ जाती है। इससे लोगों का बहुत ज्यादा लगाव दिखता है, क्योंकि यह कीमती धातु है। हर देश अपने-अपने सोने के भंडारण में इजाफा कर रहा। इसकी एक वजह यह भी सोना हमेशा मुसीबत के समय फायदे के रूप में काम करता है। ऐसे में सवाल है कि धरती में अब कितना सोना बचा है? मानव सभ्यता की शुरुआत के बाद से कितना सोना निकाल लिया गया है?
विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के अनुसार जब से मानव इतिहास शुरू हुआ है, तब से अब तक धरती से कुल 2.16 लाख टन सोना निकाला जा सका है। WGC ने यह आंकड़ा साल 2024 के अंत तक का दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है अब तक निकाले गए कुल सोने में से 66 प्रतिशत सोना तो सिर्फ 1950 के बाद से निकाला गया है। अब निकाले गए कुल सोने को मापा जाए तो वह 22 मीटर के एक क्यूब जितना होगा, जो 4 मंजिला इमारत जितनी ऊंचाई होती है।
रिपोर्ट के अनुसार, धरती के गर्भ में बहुत ज्यादा सोना नहीं बचा है। 54 हजार से 70 हजार टन सोना धरती में मौजूद है। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, धरती में कुल 2.44 लाख टन सोना था। इनमें से अधिकांश हिस्सा पहले ही निकाला जा चुका है। अब सिर्फ 57 हजार टन सोना बचा है, जिसे भविष्य में धीरे-धीरे बाहर निकाला जा सकता है।
सोने के भंडार की बात करें तो रूस और ऑस्ट्रेलिया के पास सबसे ज्यादा सोना है। इनके पास 12-12 हजार टन गोल्ड रिजर्व है। वैसे, विशेषज्ञों का मानना है कि धरती के केंद्र यानी कोर (core) में सोने की बहुत बड़ी मात्रा छिपी हो सकती है। इसकी मात्रा अरबों टन हो सकती है, लेकिन मौजूदा तकनीक वहां पहुंचने में सक्षम नहीं है।
दुनिया भर में हर साल 3,000 टन सोना निकाला जाता है। खनन की इस स्पीड से आने वाले 20 साल में धरती से ज्ञात सोने का भंडार पूरी तरह खत्म हो सकता है। वैसे, उम्मीद यह भी है कि नई टेक्नोलॉजी और एआई आधारित खोजों से भविष्य में सोने की नई खदान सामने आ सकते हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार अब तक निकाले गए सोने का 45% गहनों, 22% सिक्कों और बार बनाने और करीब 17% केंद्रीय बैंकों में सुरक्षित रखा है। शेष हिस्सा औद्योगिक यूज और तकनीकी उपकरणों में इस्तेमाल होता है। धरती के अंदर सोने का भंडार सीमित है। इस कारण इसकी कीमत और महत्व भविष्य में और बढ़ने की संभावना है।