वर्क लाइफ बैलेंस (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : देश में पिछले काफी समय से वर्क लाइफ बैलेंस एक अहम मुद्दा बना हुआ है। 70 घंटे और 90 घंटे काम करने को लेकर देश में खूब बहस छिड़ गयी है। इस मुद्दे को लेकर देश के दिग्गज बिजनेसमैन और चेयरमैन भी इस बहस में कूद पड़े थे।
जहां कंपनियां कर्मचारियों से कड़ी मेहनत करवाना चाहते हैं, वहीं देश में एक ऐसी कंपनी है, जिसने अपने कर्मचारियों को एक बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। इस खबर के सामने आने से कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। देश की एक कंपनी वीबा के चेयरमैन ने हफ्ते में काम करने की लिमिट को 40 घंटे कर दिया है।
वीबा एक सॉस बनाने वाली कंपनी है, इसके फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर विराज बहल ने कर्मचारियों के काम करने के घंटे को घटाकर 40 घंटे प्रति हफ्ते कर दिया है। उन्होंने कर्मचारियों से ज्यादा काम कराने को नाइंसाफी बताया है। कुछ दिन पहले ही एक पॉडकास्ट में विराज बहल ने ये कहा था कि कर्मचारियों से इतना काम करवाना गलत है। अगर आप किसी कर्मचारी से इतना काम करवाते है, तो उसके लिए आपको सही मानदेय भी देना जरूरी है। कंपनी के जो फाउंडर्स है, यदि वे इतना ज्यादा काम करते है, तो ये ठीक है लेकिन कर्मचारियों का इतना काम करना सही नहीं है।
विराज बहल ने बर्नआउट कल्चर यानी हसल कल्चर को लेकर भी खुलकर बात की है। उन्होंने कहा है कि एक बार जब कंपनी ठीक तरीके से काम करने लग जाए तो फाउंडर को उसे स्थिर बनाने पर ध्यान देना जरूरी है। उसे आगे बढ़ाने के लिए मेहनत से ज्यादा सही रणनीति बनाने पर फोकस करना चाहिए। बर्नआउट कल्चर का ट्रेंड खासकर स्टार्टअप शुरू कर रहे लोगों के बीच खूब चल रहा है, जिसमें लोग अपने आप पर और अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान ना देकर बस काम पर फोकस कर रहे हैं।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति ने पिछले साल 2024 में ये कहा था कि अपने युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। उसके बाद एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम ने कहा था कि लोगों को हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए। रविवार को भी काम करना चाहिए, कोई अपनी बीवी को घर पर बैठकर कितनी देर तक निहारेगा। इन बिजनेसमैन के बयान के बाद से ही देश में वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ा है, लोग अपने-अपने बयान सोशल मीडिया पर उछाल रहे हैं। ये मामला इतना गंभीर है कि इसे देश की संसद तक पहुंचाया गया है।