अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स - सोशल मीडिया)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से कुर्सी संभाली है, तब से उनकी तानाशाही से पूरी दुनिया परेशान हो गई है। सत्ता संभालते ही ट्रंप ने ट्रेड वॉर का ऐलान कर दिया था, जिसका नतीजा अब सामने आ रहा है। जानकारी के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जनवरी से मार्च की पहली तिमाही में 0.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
3 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब अमेरिका के जीडीपी में भारी गिरावट आयी है। सरकार ने गुरूवार को दूसरा अनुमान जारी किया है, जो उसके पिछले अनुमान से भी बेहतर है। पहली तिमाही में इंपोर्ट में भारी गिरावट के कारण देश की वृद्धि दर में गिरावट आयी है, क्योंकि अमेरिका में कंपनियों के बीच राष्ट्रपति के द्वारा भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगाने से पहले सामान लाने में जल्दबाजी देखने मिली है।
जनवरी से मार्च महीने की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में गिरावट आयी है, जिसके कारण साल 2024 की चौथी तिमाही में हुई 2.4 प्रतिशत की बढ़त को पलट दिया है। इंपोर्ट में 42.6 प्रतिशत की दर से बढ़त हुई है, जो साल 2020 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे तेज रफ्तार है। इसने जीडीपी ग्रोथ रेट में 5 प्रतिशत से ज्यादा की कमी की है। कंज्यूमर्स एक्सपेंस में भी तेज गिरावट देखी जा रही है। ट्रेड डेफिशिएंट से जीडीपी कम होती है। हालांकि ये प्रमुख रूप से गणित का मामला है।
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आपको बताते हैं कि इससे पहले, अमेरिका के श्रम विभाग ने 13 मई को महंगाई के आंकड़े जारी किए थे। ऑफिशियल आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के महीने में अमेरिका रिटेल महंगाई दर लगातार तीसरे महीने धीमी होकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई थी। श्रम विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में ये जानकारी दी गई है कि अप्रैल के महीने में कंज्यूमर प्राइस 1 साल पहले के मुकाबले में 2.3 प्रतिशत बढ़ा है, जो 4 सालों में सबसे कम बढ़त है। मार्च के महीने में सालाना आधार पर रिटेल इंफ्लेशन रेट 2.4 प्रतिशत रही थी।