ईपीएफओ (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारतीय शेयर मार्केट में पिछले 7 दिनों से भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। जिसके कारण निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आयी है। लाखों लोगों के करोड़ों रुपये अभी तक शेयर मार्केट में डूब चुके हैं। ऐसे में सरकार ने इन लोगों को राहत देने की तैयारी की है।
सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ पर ब्याज दरों को पहले की ही तरह स्थिर रखा गया है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। जिसका सीधा मतलब है कि आपकी भले ही शेयर बाजार से किसी प्रकार की कमाई हो या ना हो लेकिन पीएफ में जमा पैसे से आपकी जमकर कमाई हो सकती है।
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है कि ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ के डिपॉजिट पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर को कायम रखा है। ईपीएफओ ने इंटरेस्ट रेट को ऐसे समय में कायम रखा है, जब शेयर मार्केट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। ईपीएफओ भी कमाई करने के लिए अपने फंड के एक हिस्से का उपयोग शेयर बाजार के लिए किया गया है।
इससे पहले भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने फरवरी 2024 में ईपीएफ पर इंटरेस्ट रेट को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत कर दिया था। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये ब्याज दर 8.15 प्रतिशत हुआ करती थी। ईपीएफओ ने मार्च 2022 में अपने 7 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज दर को 8.1 प्रतिशत किया था। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जो ब्याज दर तक की गई थी वो 40 साल की सबसे निचली स्तर की ब्याज दर थी। ये वित्त वर्ष 1977-78 के बाद से सबसे कम ब्याज दर थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 में ये ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी।
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ईपीएफओ के बारे में फैसला करने वाली सबसे ऊंची यूनिट सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी सीबीटी है। सीबीटी ने शुक्रवार को अपनी मीटिंग में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर देने का फैसला लिया है। सीबीटी के फैसले के बाद वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ सेविंग पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।