टाटा पावर (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : प्राइवेट सेक्टर की मुख्य बिजली कंपनी टाटा पावर ने अपने बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के तिरुनेलवेली कारखाने में सोलर सेल का प्रोडक्शन करना शुरू कर दिया है। सोलर सेल का उपयोग सूर्य के प्रकाश से बिजली परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। साथ ही इससे घरेलू स्तर पर होने वाले मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकती है।
टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी की अनुषंगी टीपी सोलर लि. ने सोमवार को बयान में कहा कि तिरुनेलवेली में विनिर्माण संयंत्र में दो गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) सौर सेल इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। यह देश में एक ही स्थान पर सौर सेल और मॉड्यूल बनाने का सबसे बड़ा संयंत्र है। इसकी कुल क्षमता 4,300 मेगावाट है। इससे पहले, कंपनी ने सौर मॉड्यूल का विनिर्माण शुरू होने की घोषणा की थी।
बयान के अनुसार, ‘‘इस दो गीगावाट क्षमता के सौर सेल के विनिर्माण के साथ टाटा पावर की खासकर बड़ी परियोजनाओं के लिए उच्च गुणवत्ता और घरेलू स्तर पर उत्पादित सौर उपकरणों की बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता बढ़ेगी।”
कंपनी ने कहा कि अगले चार से छह सप्ताह में शेष दो गीगावाट क्षमता जुड़ने से उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है। इससे अगले कुछ महीनों में कुल उत्पादन क्षमता चार गीगावॉट पहुंच जाएगी। तिरुनेलवेली संयंत्र में 4.3 गीगावाट यानी 4,300 मेगावाट की कुल सेल और मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता के साथ मॉड्यूल उत्पादन इकाई अक्टूबर, 2023 में चालू की गई थी। अबतक 1,250 मेगावाट सौर मॉड्यूल का उत्पादन किया गया है।
कंपनी ने इस संयंत्र के लिए लगभग 4,300 करोड़ रुपये का की प्रतिबद्धता जतायी है। टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘‘हमारे तिरुनेलवेली संयंत्र में सेल उत्पादन की शुरुआत सौर मूल्य श्रृंखला में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम सौर ऊर्जा को सभी के लिए सुलभ बनाने और नवीकरणीय ऊर्जा के जरिये भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह संयंत्र शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए देश के दृष्टिकोण का समर्थन करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।” बयान के अनुसार, तमिलनाडु संयंत्र में उत्पादित सौर सेल और मॉड्यूल शुरू में कंपनी की जारी परियोजनाओं की जरूरतों पूरा करेंगे, जिससे इसकी आपूर्ति श्रृंखला और मजबूत होगी। कंपनी के अनुसार, ‘‘भविष्य में विस्तार को ध्यान में रखते हुए, टाटा पावर व्यापक स्तर पर बाजार वितरण के अवसर तलाशने की भी योजना बना रही है।”
तिरुनेलवेली संयंत्र के अलावा, कंपनी का बेंगलुरु में भी विनिर्माण संयंत्र है जिसे 1992 में लगाया गया था। इस संयंत्र में सौर मॉड्यूल की विनिर्माण क्षमता 682 मेगावाट और सौर सेल के लिए 530 मेगावाट है। आज तक, इसने कुल 3.73 गीगावाट सौर मॉड्यूल और 2.26 गीगावाट सौर सेल की आपूर्ति की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)