शेयर बाजार
शेयर बाजार के लिए गुरुवार (22 मई) का दिन किसी बुरे सपने की तरह रहा। बाजार गिरावट के साथ खुले और दिन ढलने तक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट दर्ज की गई। व्यापार के समय एक वक्त पर सेंसेक्स 1000 अंक टूट गया था। लेकिन बाजार बंद होने से पहले इसमें थोड़ी तेजी आई और ये 644 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स 203 अंक गिरकर बंद हुआ।
शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 644 अंक की गिरावट के साथ आज 80,951.99 अंकों के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 203 अंकों की गिरावट के साथ 24,609.70 पर बंद हुआ। इससे पहले बुधवार को बाजार में तेजी देखने को मिली थी। बुधवार को सेंसेक्स 410.19 अंक या 0.51 प्रतिशत उछलकर 81,596.63 पर बंद हुआ था, तो वहीं दिन के कारोबार के दौरान 30 शेयरों वाला सूचकांक 835.2 अंक 1.02 प्रतिशत बढ़कर 82,021.64 पर पहुंच गया था।
शेयर बाजार में आई इस गिरावट का एक बड़ा कारण अमेरिका की ओर से लगाए जाने वाले टैरिफ भी है। इसे लेकर अभी तक कुछ भी ठीक से साफ नहीं है, ऐसे में निवेशक बाजार में पैसा लगाने से बच रहे हैं। निवेशक पैसा लगाने से पहले अमेरिका के रुख का इंतजार कर रहे हैं और यही इंतजार बाजार में आई गिरावट का कारण है।
इसके अलावा दूसरा कारण डोनाल्डट्रंप का कर और व्यय विधेयकहै, जिससे यह आशंका बढ़ रही है कि इसके लागू होने से अमेरिकी ऋण में बढ़ोतरी होगी और अमेरिकी आर्थिक विकास धीमा हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो इससे 36 ट्रिलियन डॉलर के अमेरिकी कर्ज में 3.8 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हो सकता है।
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तीसरा कारण इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को माना जा रहा है। युद्ध के आसार दिखने की वजह से भी निवेशक बाजार से दूरी बना रहे हैं। वहीं, चौथा कारण दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को माना जा सकता है। जिसकी वजह से लोग अपने शेयर लगातार बेचने में लगे हैं।