शेयर मार्केट, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Share Market Crash: अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दरों पर फैसले और संभावित अमेरिकी ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितताओं से पहले शेयर बाजार में बिकवाली जारी है। स्टॉक मार्केट में लगातार दूसरे दिन तेज गिरावट का सिलसिला जारी रहा। सेंसेक्स 436 अंक टूटकर 84666 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 120 अंक टूटकर 25,839 पर बंद हुआ। इस गिरावट के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चावल पर नए टैरिफ लगाने का भी संकेत दिया है, जिससे बाजार में घबराहट और बढ़ गई है।
सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट एशियन पेंट्स के शेयरों में रही, जो 4.61% गिरकर 2,790.90 रुपये पर बंद हुआ। टेक महिंद्रा के शेयरों में 1.99% की गिरावट दर्ज की गई। अन्य प्रमुख गिरावट वाले शेयरों में HCL टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी और सन फार्मा शामिल हैं, जो 1.78%, 1.56%, 1.16% और 1.05% गिरे। पांच शेयरों ICICI बैंक, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स और इंफोसिस ने सेंसेक्स की गिरावट में भारी योगदान दिया।
क्षेत्रीय स्तर पर, बीएसई आईटी इंडेक्स 0.89% गिरकर 36,843 पर बंद हुआ, जो गिरावट का प्रमुख कारण था। बीएसई ऑटो इंडेक्स भी 0.63% की गिरावट के साथ 60,973.37 पर बंद हुआ। पिछले दो दिनों के दौरान शेयर बाजार में भारी गिरावट दिखी है। सेंसेक्स 1045 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी 345 अंक टूट चुका है। BSE मार्केट कैप दो दिन पहले 470.96 लाख करोड़ रुपये था, जो घटकर 464.91 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है। इस हिसाब से देखा जाए तो निवेशकों को करीब 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पिछले दो दिनों के दौरान हुआ है।
कुल मिलाकर, बीएसई पर एक्टिव तरीके से कारोबार करने वाले 4,331 शेयरों में से 2,616 तेजी के साथ बंद हुए, 1550 गिरावट के साथ और 165 अनचेंज रहे। 67 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ, जबकि 512 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को टच किया। इस बीच, 169 शेयरों ने अपने अपर सर्किट को टच किया और 162 शेयरों में निचला सर्किट लगा।
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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत नरम रुख के साथ हुई, जिससे हाल ही में मुनाफावसूली का दौर जारी रहा क्योंकि कल आने वाली अमेरिकी फेड पॉलिसी के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क हो गए थे। उन्होंने आगे कहा कि रुपये में कमजोरी, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निरंतर बिकवाली और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को और प्रभावित किया है।