इंश्योरेंस पॉलिसी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : अक्टूबर का महीना शुरू होने पर महीने की पहली ही तारीख में कुछ अहम बदलाव किए जाने वाले है। 1 अक्टूबर से टैक्स, इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट और बचत योजनाओं को लेकर चेंजेंस किए जा रहे हैं। इन बदलावों का आप पर सीधा असर होता नजर आ सकता है। हम आपको विस्तार से इन बदलावों के बारे में जानकारी देते हैं।
शॉर्ट टर्म सेविंग : अगर आप कुछ ही समय के लिए बचत योजना करने की तैयारी में है, तो आपको बता दें कि 30 सितंबर से इन सेविंग से जुड़ी ब्याजदर में संसाधन होने जा रहा हैं। इस नए बदलाव को अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक के लिए लागू किया जा रहा है। देश में फिलहाल ब्याजदरों को कम किया जा रहा है, जिसके चलते इन योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याजदर को भी घटाया गया है। जिसके कारण आपकी बचत पर भी असर हो सकता है।
लाइफ इंश्योरेंस पर कम टैक्स : सेक्शन 19डीए के अंतर्गत लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योरड होने पर या किसी आकस्मिकता के केस में मिलने वाली राशि पर अब आपको केवल 2 प्रतिशत ही टीडीएस कटेगा। पहले ये 5 प्रतिशत हुआ करता था।
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किराए पर कम टैक्स : सेक्शन 194 आईबी के अंतर्गत कुछ व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार अगर मंथली 50,000 रुपये किराया देते हैं, तो अब इस पर लगने वाले टीडीएस में 2 प्रतिशत हाी कटेगा। आपको बता दें कि इसकी दर पहले 5 प्रतिशत हुआ करती थी। इस बदलाव के बाद
अब मकान मालिक को भी ज्यादा किराया मिलेगा।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी राहत : बताया जा रहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर पहले 1 फीसदी टैक्स कटता था, जो कि अब घटकर 0.01 प्रतिशत हो गया है। जिसका सीधा मतलब है कि अब विक्रताओं पर वित्तीय बोझ भी कम हो सकता हैं।
पॉलिसी सरेंडर पर ज्यादा पैसा : अब बीमा पॉलिसी सरेंडर करने पर बीमार व्यक्ति को ज्यादा पैसे वापस मिलेगें, भले ही पॉलिसीधारक ने पहले साल के बाद ही इसे सरेंडर क्यों न कर दें। पहले ऐसा करने पर आपको कोई किसी भी प्रकार की राशि वापस नहीं मिलती थी। जून के महीने में बीमा रेग्यूलेटर इरडाई ने इसको लेकर निर्देश जारी किया था।