नितिन गडकरी (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में बढ़ती गरीबी को लेकर चिंता जतायी है। शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने गरीबों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंतित होते हुए कहा है कि अब पैसा सिर्फ कुछ अमीरों के हाथों में ही केंद्रित हो रहा है।
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि धन के विकेंद्रीकरण की जरूरत है, जहां उन्होंने एग्रीकल्चर, मैन्यूफैक्चरिंग, टैक्सेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा है कि धीरे-धीरे गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार पैदा हो और ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान हो। उन्होंने कहा है कि हम एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा देगा। धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने उदार आर्थिक नीतियों को अपनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को भी श्रेय दिया, लेकिन अनियंत्रित केंद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा है कि हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए।
भारत की इकोनॉमिकल स्ट्रक्चरल का उल्लेख करते हुए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में क्षेत्रीय योगदान में असंतुलन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा है कि मैन्यूफैक्टरिंग सेक्टर 22-24 प्रतिशत, सर्विस सेक्टर 52-54 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि एग्रीकल्चर, ग्रामीण आबादी के 65-70 प्रतिशत हिस्से को शामिल करने के बाद, सिर्फ 12 प्रतिशत योगदान देती है।
उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स यानी सीए की उभरती भूमिका पर रोशनी डाली। गडकरी ने कहा है कि किसी अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन हो सकते हैं। हमारी इकोनॉमी तेजी से बदल रही है। यह सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और जीएसटी जमा करने तक ही सीमित नहीं है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बारे में बात करते हुए, गडकरी ने ट्रांसपोर्ट में अपनी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दावा किया है कि मैंने ही रोड कंस्ट्रक्शन के लिए ‘निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण’ टेक्नोलॉजी की शुरुआत की थी।
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गडकरी ने कहा कि रोड डेवलपमेंट के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है कि कभी-कभी मैं कहता हूं कि मेरे पास पैसे की कमी नहीं है, बल्कि मेरे पास काम की कमी है। उन्होंने कहा है कि अभी हम टोल बूथों से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाते हैं और अगले 2 साल में हमारी इनकम 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अगर हम इसे अगले 15 साल तक मौद्रिकृत करते हैं तो हमारे पास 12 लाख करोड़ रुपये होंगे। नए टोल से हमारे खजाने में और पैसा आएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)