Reliance Jio (सौ. JIO)
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की टेलीकॉम और डिजिटल कंपनी रिलायंस जियो को लेकर एक बड़ी खबर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि रिलायंस जियो इस साल अपने आईपीओ को लॉन्च नहीं करेगी।
कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म के आईपीओ को लॉन्च करने में देरी हो सकती है। कंपनी इस साल अपने आईपीओ को लॉन्च नहीं करने वाली है। एक्सपर्ट्स की राय हैं कि टेलीकॉम वर्ल्ड का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, 100 बिलियन डॉलर वाली रिलायंस जियो अपने टेलीकॉम बिजनेस के लिए हाई रेवेन्यू और एक बड़ा कस्टमर बेस प्राप्त करना चाहता है।
भारत के आईपीओ मार्केट ने साल 2024 को अपना बेस्ट ईयर बताया है। इस साल में आईपीओ के द्वारा 20.5 अरब डॉलर जुटाए थे, जो अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। ट्रेड वॉर और मिडिल ईस्ट के बीच टेंशन के कारण बाजार की धारणा अस्टेबल हो चुकी थी, लेकिन अब इसमें सुधार देखने के लिए मिल रहा है। एलएसईजी के आंकड़ों के अनुसार, भारत का आईपीओ बाजार जून 2025 तक 5.86 अरब डॉलर जुटाकर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ मार्केट बन गया है, जो ग्लोबल लेवल पर टोटल इनकम का 12 प्रतिशत है।
रॉयटर्स ने जानकारी दी थी कि रिलायंस रिटेल के आईपीओ में इसीलिए देरी हो रही है क्योंकि कंपनी ऑपरेशनल संबंधी चुनौतियों को निपटाना चाहती है, जिसमें रिटेलर के लिए हर वर्ग फुट जगह की कम इनकम भी शामिल है, जो भारत में 3,000 सुपरमार्केट का सबसे बड़ा किराना स्टोर नेटवर्क चलाता है। कुछ सूत्रों ने बताया है कि रिलायंस रिटेल का आईपीओ साल 2027 या 2028 से पहले लॉन्च होने की कोई भी संभावना नहीं हैं।
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हाल ही के सालों में, भारत के दिग्गज बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने केकेआर, जनरल अटलांटिक, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और सिल्वर लेक जैसी कंपनियों से रिटेल, डिजिटल और टेलीकॉम बिजनेस के लिए सामूहिक रूप से 25 अरब डॉलर जुटाए हैं। सूत्रों ने कहा है कि इंवेस्टर्स आईपीओ में देरी को लेकर किसी भी तरीके से परेशान नहीं है। ऐसा इसीलिए क्योंकि वे जानते हैं कि उनका पैसा उनके सामने है।