(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Gold And Silver Price Update: वैश्विक बाजारों में सोने ने बंपर उछाल के साथ नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। हालिया तेजी की रफ्तार इतिहास में सबसे तेज में से एक रही है, जिसने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। गोल्ड की कीमतों में आया यह उछाल महज 36 दिनों में 3,500 प्रति औंस से बढ़कर 4,000 प्रति औंस के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने के साथ दर्ज किया गया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक, जहां आमतौर पर कीमतों में इस तरह के $500 के इजाफे में औसत 1,036 दिन लगते थे, वहीं इस बार यह सफर रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ है।
अक्टूबर 2025 के मध्य में सोने ने कई बार अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को तोड़ा। 8 अक्टूबर 2025 को सोने ने US4,000/oz का नया मील का पत्थर छुआ। मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को स्पॉट गोल्ड की कीमत 4,179.48 प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि दिसंबर वायदा 4,185.50 तक चढ़ गया। इसके अतिरिक्त, 15 अक्टूबर 2025 को सोना 4,200 के स्तर को पार कर गया, और यह 4,240 के करीब भी पहुंच गया।
चांदी (Silver) ने भी इस तेजी में गोल्ड को पीछे छोड़ते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। चांदी का भाव 51 प्रति औंस के पार निकल गया है, और 14 अक्टूबर 2025 को यह $53.60 प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में 80% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह रिकॉर्ड तेज़ी कई प्रमुख चालकों के एक साथ आने का परिणाम है, जिसे अनुकूल परिस्थितियों का “परफेक्ट स्टॉर्म” कहा जा रहा है, जिनको जानकर आप बाजार की स्थिति को और बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
वैश्विक अनिश्चितता, पूर्वी यूरोप और प्रशांत क्षेत्र में सैन्य संघर्ष, तथा अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव (जिसमें 1 नवंबर से चीनी आयातों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी शामिल है) के कारण निवेशकों में सुरक्षित निवेश (Safe-Haven) की मांग बढ़ी है। अमेरिका में सरकारी शटडाउन का दूसरे सप्ताह में प्रवेश करना भी डॉलर पर दबाव बढ़ा रहा है।
फेडरल रिजर्व (US Fed) की नीति Precious Metals की कीमतों पर सबसे बड़ा प्रभाव डालती है। बाजारों में अक्टूबर 28–29 की बैठक में दरों में कटौती की व्यापक उम्मीद है, जिससे वास्तविक ब्याज दरों (Real Rates) में गिरावट आई है। जब वास्तविक यील्ड गिरती है और मौद्रिक आत्मविश्वास कम होता है, तो हार्ड एसेट्स में वृद्धि होती है।
सोने की कीमतों में तेज़ी के पीछे एक सबसे शक्तिशाली कारण केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने का रिकॉर्ड खरीदारी है। 2025 के मध्य तक के रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंकों ने मई और जून में अकेले 20 से 22 टन सोना जोड़ा। वर्ष 2025 में अब तक पोलैंड 67 टन की शुद्ध खरीदारी के साथ सबसे आगे है, जबकि पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाल के महीनों में 36 टन सोना जोड़ा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, जवाब देने वाले 77% केंद्रीय बैंकों ने अगले 12 महीनों में अपनी सोने की होल्डिंग्स बढ़ाने की उम्मीद जताई है।
अरबों डॉलर के नए ऋण और निरंतर वित्तीय विस्तार के कारण कागजी मुद्रा (Fiat Currency) के मूल्य में दीर्घकालिक क्षरण हो रहा है। सोना और चांदी सदियों से मुद्रा के अवमूल्यन के खिलाफ़ वास्तविक बचाव (Real-World Hedges) के रूप में काम कर रहे हैं।
चांदी की तेज़ी को केवल मौद्रिक मांग ही नहीं, बल्कि औद्योगिक आवश्यकता भी बल दे रही है। सौर (Solar), ईवी (EVs) और अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे हरित-ऊर्जा संक्रमण के कारण चांदी अपरिहार्य सामग्री बन गई है। आपूर्ति में ठहराव और औद्योगिक मांग के कारण चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई हैं।
गोल्ड की यह तेज़ी सट्टा अस्थिरता (speculative flukes) नहीं है, बल्कि यह मौद्रिक और राजनीतिक अतिरेक के जवाब में वास्तविक परिसंपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन की पुष्टि है। हालांकि, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने चेतावनी दी है कि तेज़ी के कारण बाजार ‘ओवरबॉट’ (overbought) स्थिति में है, जहाँ रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 90 से ऊपर है, जो अल्पकालिक मुनाफ़ावसूली (profit-taking) को ट्रिगर कर सकता है।
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बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) ने 2026 के लिए सोने का लक्ष्य बढ़ाकर 5,000 प्रति औंस कर दिया है। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने दिसंबर 2026 तक 4,900 का लक्ष्य रखा है।