नहीं कम हुई आपकी लोन EMI
नई दिल्ली: त्योहार के पहले आम आदमी को थोड़ी-बहुत ही राहत मिली है। आज RBI की MPC की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए गवर्नर ने शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI के रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साफ माने हिए कि RBI ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट को नही बदला है।। बीते फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है।
जानकारी दें कि इससे बीते मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक RBI ने रेपो रेट में 2.50% का इजाफा किया था। जिसके बाद रेपो रेट 6.5 % पर आ गए थे। जो कि अभी तक उसी लेवल पर बनी हुई है। वहीं उम्मीदें की जा रही थी कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक और फेड रिजर्व की ओर ब्याज दरों में कटौती के बार RBI भी अपनी पॉलिसी में बदलाव करेगा। लेकिन इस बार भी ऐसा देखने को नहीं मिला।
Monetary Policy Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor – October 09, 2024, at 10 am https://t.co/qH6y2PRPrS — ReserveBankOfIndia (@RBI) October 9, 2024
इस मामले पर विशेषज्ञों ने पहले ही कहा था कि RBI की इस द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में कटौती की संभावना नहीं है। ऐसा भी कहना ता कि खुदरा मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है, तथा पश्चिम एशिया संकट के और बिगड़ने की संभावना है, जिसका असर कच्चे तेल और जिंस कीमतों पर पड़ेगा।
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Shaktikanta Das says, “…The Monetary Policy Committee decided by a majority to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%…” (Source – RBI/YouTube) pic.twitter.com/8qExz9HMEW — ANI (@ANI) October 9, 2024
विशेषज्ञों का यह भी मानना था कि दिसंबर में ही इसमें कुछ ढील की गुंजाइश है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4% (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे।
इसके साथ ही विशेषज्ञों की मानें तो शुरुआती पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि MPC के अनुमान से कम रहने और दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के कम रहने के अनुमान को देखते हुए यह अक्टूबर, 2024 की नीतिगत समीक्षा में रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ करना उचित हो सकता है। इसके बाद रेपो दर में आगामी दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में 0.25 % की कटौती हो सकती है।
जानकारी दें कि रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है। समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया। इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को बदलाव किया और इसे ‘तटस्थ’ करने का निर्णय किया।
जानकारी दें कि, रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। RBI मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। मौजूदा स्थिति पर गौर करने के बाद चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को कायम रखा गया है।” इसके साथ चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)