संजय मल्होत्रा, (RBI गवर्नर)
RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने अक्टूबर की नीति समीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस बार रेपो रेट को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने की घोषणा की है। RBI ने इस वर्ष रेपो दर में 1% या 100 आधार अंकों की कटौती की है, जो 6.5% से घटकर 5.5% हो गई है। त्योहारी सीजन के बीच आए इस नतीजे से आम जनता की उम्मीदों को झटका लगा है। आरबीआई के इस फैसले से आपकी ईएमआई न घटेगी और न बढ़ेगी, फिलहाल वो जस का तस रहने की उम्मीद है।
बता दें कि फरवरी से जून तक आरबीआई लगातार रेपो रेट में कटौती की है। तीन बैठकों में केंद्रीय बैंक ने 1% तक रेपो रेट घटाया है। हालांकि अगस्त में हुई बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट को 5.5% पर बरकरार रखने का फैसला सुनाया था।
वहीं रिजर्व बैंक MSF को 5.75% और SDF को 5.25% पर बरकरार रखा है। अपने भाषण के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि GST दरों में कटौती से महंगाई में कमी आएगी। ग्लोबल इकोनॉमी में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ग्लोबल इकोनॉमी में भारी उतार-चढ़ाव हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट से महंगाई में कमी आएगी। FY26 महंगाई दर 3.1% से घटकर 2.6% का अनुमान है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था। वहीं, चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 3.1 प्रतिशत अनुमानित था। यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और उसे पहले की तरह यथावत रखा गया है।
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रेपो रेट एक तरह का बेंचमार्क होता है, जिसके आधार पर अन्य बैंक आम लोगों को दिए जाने वाले लोन के ब्याज दर को तय करते हैं। जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंकों को आरबीआई ज्यादा ब्याज दरों पर कर्ज देता है। ऐसे में बैंक अपनी लागत को भरपाई करन के लिए आम आदमी के होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर को बढ़ा देते हैं और इसका प्रभाव आपके EMI पर देखने को मिलता है। वहीं, जब रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को आरबीआई से सस्ते ब्याज दर पर कर्ज मिलता है, ऐसे में बैंक भी अपने ग्राहकों को लोन सस्ती दरों पर देने लगते हैं।