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फाइनेंशियल स्टेबलिटी में रोड़ा बनी सकती है एआई, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का बयान

सेंट्रल बैंक आरबीआई के द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एआई पर निर्भरता बढ़ने के कारण पैदा होने वाली रिस्क के बारे सचेत किया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इससे साइबर अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।

  • By अपूर्वा नायक
Updated On: Oct 15, 2024 | 10:05 AM

शक्तिकांत दास (सौजन्य : सोशल मीडिया)

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नई दिल्ली : आरबीआई के द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एआई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशिन लर्निंग पर बढ़ रही निर्भरता को लेकर चिंता जतायी है। सोमवार को इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा है कि ऋणदाताओं को बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की खूबियों का लाभ उठाने की भी बात कही है।

उन्होंने कहा कि एआई और एमएल जैसी नवीनतम टेक्नोलॉजी प्रगति ने वित्तीय संस्थानों के लिए कारोबार और लाभ विस्तार के नए रास्ते खोले हैं। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये प्रौद्योगिकियां वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम भी पैदा करती हैं।

हो सकता है कॉन्संट्रेशनल रिस्क

यहां सेंट्रल बैंक आरबीआई के द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “एआई पर भारी निर्भरता से कॉन्संट्रेशनल रिस्क पैदा हो सकता है, खासकर तब जब बाजार पर कम संख्या में टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर का दबदबा हो। इससे सिस्टमेटिक रिस्क बढ़ सकता है, क्योंकि इन सिस्टम्स में विफलता या व्यवधान पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में फैल सकता है।”

अप्रत्याशित परिणाम

उन्होंने कहा कि एआई के बढ़ते उपयोग से नई कमज़ोरियां सामने आती हैं। इससे साइबर अटैक और डेटा उल्लंघन का जोखिम बढ़ता है। इसके अलावा, एआई की अस्पष्टता के कारण निर्णय लेने वाले एल्गोरिदम का ऑडिट करना या व्याख्या करना मुश्किल हो जाता है। इससे अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं।

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पर्याप्त रिस्क बचाव उपाय

उन्होंने कहा, “बैंकों और अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को इन सभी रिस्क के खिलाफ पर्याप्त रिस्क बचाव उपाय करने चाहिए। अंतिम विश्लेषण में, बैंकों को एआई और बिगटेक का लाभ उठाना चाहिए और बिगटेक को उनका लाभ नहीं उठाने देना चाहिए।”

तेजी से फैलती है गलत सूचनाएं

फाइनेंशियल सर्विस के बढ़ते डिजिटलीकरण ने दुनियाभर में वित्तीय क्षेत्र की दक्षता को बढ़ाया है, लेकिन साथ ही कई चुनौतियां भी सामने आई हैं, जिनसे केंद्रीय बैंकों को निपटना होगा। डिजिटलाइजेशन के रिस्क के बारे में बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आधुनिक दुनिया में सोशल मीडिया की गहरी उपस्थिति और ऑनलाइन बैंकिंग तक व्यापक पहुंच के साथ सेकंड में मनी ट्रांसफर के कारण अफवाहें और गलत सूचनाएं बहुत तेजी से फैल सकती हैं और इससे नकदी संकट पैदा हो सकता है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Rbi governor shaktikanta das statement on artificial intelligence

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Published On: Oct 15, 2024 | 10:05 AM

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