श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी और फरवरी के महीने में महाकुंभ का आयोजन हुआ था। इसके साथ ही अयोध्या और काशी में भी लोगों की भीड़ का तांता देखा गया था। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद से ही अयोध्या को एक आकर्षक केंद्र की तरह देखा जा रहा है। आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने रविवार को कहा है कि मंदिर ट्रस्ट ने धार्मिक पर्यटन के बीच में पिछले 5 सालों में सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि ये राशि 5 फरवरी, 2020 से 5 फरवरी 2025 के बीच में चुकायी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि इस चुकता राशि में से 270 करोड़ रुपये माल और सेवा कर यानी जीएसटी के तौर पर भुगतान किए गए, बल्कि बाकी 130 करोड़ रुपये अलग अलग टैक्स कैटेगरी में अंतर्गत भुगतान किए गए है।
चंपत राय ने कहा है कि अयोध्या में भक्तों और टूरिस्टों की संख्या में 10 गुना बढ़त हुई है, जिसके कारण ये एक मुख्य धार्मिक पर्यटन सेंटर बन गया है और लोकल लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए है। उन्होंने कहा है कि महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ भक्त अयोध्या आए थे। इसके अलावा राय ने कहा है कि ट्रस्ट के फाइनेंशियल रिकॉर्ड का नियमित रुप से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी के ऑफिसर्स के द्वारा ऑडिट किया जाता है।
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जम्मू के कटरा में वैष्णो देवी भी एक ऐसा ही समृद्ध मंदिर है, जिसमें वित्त वर्ष 2024 में 683 करोड़ रुपए कमाए थे, जिसमें से 255 करोड़ रुपए चढ़ावे से आए है, जिसपर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा और 133.3 करोड़ रुपये ब्याज से आए हैं। टीटीडी के मामले में, 4,800 करोड़ रुपए की कमाई में से एक तिहाई से ज़्यादा हुंडी कलेक्शन से आए हैं। जीएसटी संदर्भ में टैक्स पेयर्स, वित्त वर्ष 2021 से 5 सालों में लगभग 130 करोड़ रुपये है।