पीएम किसान सम्मान निधि योजना (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश के किसानों को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री किसान योजना की शुरूआत की थी। इस स्कीम के अंतर्गत, देश के सभी योग्य किसानों को हर साल 2000 रुपये की 3 किश्तों के तौर पर टोटल 6,000 रुपये की फाइनेंशियल हेल्प मिलती है। केंद्र सरकार ने इस स्कीम को किसानों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए शुरू किया था। हालांकि सरकार लगातार इस स्कीम का गलत तरीके से फायदा उठा रहे लोगों की निगरानी कर रही है। केंद्र सरकार उन सभी किसानों से स्कीम के अंतर्गत दिए गए पैसे वापस ले रही है, जो इस योजना के अंतर्गत योग्य नहीं है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाई क्लास इनकम टैक्सपेयर्स, सरकारी कंपनी के एम्पॉलयी, राज्य/केंद्र सरकार, संवैधानिक पद पर रहने वाले धारकों की पहचान करने का ऑर्डर दिया गया है और ऐसे ही सभी अयोग्य किसानों को स्कीम के अंतर्गत दिए जाने वाले पैसों को अनिवार्य रुप से वसूली करने का आदेश दिया गया है। मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देशभर में अभी तक अयोग्य किसानों से 416 करोड़ रुपये तक की राशि वसूली जा चुकी है। 12वीं और 15वीं किश्त तक ई-केवाईसी, भूमि बीजारोपण और आधार आधारित भुगतान को अनिवार्य किया गया है।
सरकार ने कहा है कि जिन किसानों की फाइनेंशियल कंडीशन बेहतर है, उन्हें योजना का प्रॉफिट नहीं दिया जाएगा। ऐसे सभी किसान इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे। सरकार ने ऐसे सभी लोगों की एक लिस्ट जारी की है। अगर इन लोगों ने योजना के अंतर्गत कोई भी राशि प्राप्त की होगी, उन्हें वो सारे पैसे वापस करने होंगे।
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संस्थागत जमीन के मालिक
संवैधानिक पदों पर बैठे हुए या पहले बैठ चुके लोग
पूर्व और मौजूदा मंत्री, नगर निगमों के वर्तमान मेयर, जिला पंचायतों के पूर्व और मौजूदा अध्यक्ष
केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी रिजनल यूनिट के सरकारी अधिकारी या कर्मचारी
सरकारी नौकरी से रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी
स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी यानी मल्टी टास्किंग स्टाफ/क्लास 4/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर
सभी पेंशनर्स, जिनकी मंथली पेंशन 10,000 रुपये या उससे ज्यादा है यानी मल्टी टास्किंग स्टाफ/क्लास IV/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर
इनकम टैक्सपेयर्स
रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर जो प्रैक्टिस करके अपना प्रोफेशन चला रहे हैं।