पेट्रोल और डीजल (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश की आम जनता को जल्द ही बड़ी राहत मिलने जा रही है। बताया जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही गिरावट देखने के लिए मिल सकती है। जिसका मुख्य कारण ये है कि गल्फ देशों के कच्चे तेल की कीमत लगातार तीसरे दिन 70 डॉलर प्रति बैरल पर है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के कच्चे तेल की कीमतें 66 डॉलर प्रति बैरल पर 2 दिनों से कारोबार करती हुई नजर आ रही है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो गल्फ देशों का कच्चा तेल जल्द ही 65 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड ऑयल 60 डॉलर प्रति बैरल पर नजर आ सकता है। जिससे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रूड इंपोर्टर भारत को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
असल में अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के ड्रिल बेबी ड्रिल प्रोग्राम शुरू करने के बाद बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई में बढ़त होने वाली है। वहीं दूसरी ओर गल्फ देशों के ग्रुप ओपेक प्लस ने टैरिफ के डर से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने का फैसला लिया है। जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने के लिए मिल रही है। असल में अमेरिका अप्रैल से कनाडा, चीन और मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है।
साथ ही 2 अप्रैल से देशों पर रेसीप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है। जिसके कारण निवेशकों के मन में काफी डर फैल गया है। जिसके चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट आयी है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्रूड ऑयल की कीमतें कितनी हो गई हैं और पेट्रोल और डीजल की कीमत कितनी कम होने की उम्मीद है।
सभी घटनाक्रमों के बाद से अप्रैल में कच्चे तेल की कीमतों में और भी ज्यादा गिरावट देखने के लिए मिल सकती है। उम्मीद है कि दुनिया के उन देशों में पेट्रोल और डीजल सस्ते होने लगे है, जो अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से ज्यादा कच्चा तेल इंपोर्ट करें। जिसमें भारत का नाम आसानी से शामिल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की राय है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने से अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले में रुपये की वैल्यू बढ़ सकती है। साथ ही देश का इंपोर्ट बिल भी कम हो सकता है। ऐसे में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती दिखायी दे सकती है। जानकारों का मानना है कि अगर अप्रैल के महीने में भी गल्फ देशों का कच्चा तेल 65 और 70 डॉलर के बीच में रहा तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 से 5 रुपये की कटौती देखने के लिए मिल सकती है।