पाकिस्तान और अजरबैजान (सौ. सोशल मीडिया )
ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान लगातार अपने डिफेंस सेक्टर को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। आईएमएफ की भीख पर पलने वाले पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही महीनों के बाद में अजरबैजान के साथ एक बिजनेस डील की है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच में अलग-अलग सेक्टर्स के बीच में बिजनेस डील होने की जानकारी मिली है। अजरबैजान पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने वाली हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी अजरबैजान और तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अजरबैजान और तुर्की ने साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना को भारत के खिलाफ लड़ने के लिए ड्रोन और अन्य सैन्य डिवाइस की सप्लाई की थी। यही कारण है कि भारत के अजरबैजान और तुर्की के साथ राजनीतिक संबंधों में दरार आ गई है।
शुक्रवार को इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी ईसीओ समिट के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने मीटिंग के बाद एग्रीमेंट पर साइन की। डॉक्यूमेंट्स पर अजरबैजान के खानकेंडी में उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री इशाक डार और अजरबैजान के अर्थव्यवस्था मंत्री मिकायिल जब्बारोव ने साइन की।
बताया जा रहा है कि दोनों देश अपने इंवेस्टमेंट और ट्रेड रिलेशन को नए ऐतिहासिक स्तर पर लेकर जाना चाहते हैं। जिसके कारण अजरबैजान के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा के दौरान कई प्रकार के एग्रीमेंट साइन किए जाने वाले हैं। हालांकि, फिलहाल ये कंफर्म नहीं हुआ है कि अलीयेव कब पाकिस्तान जाने वाले है, लेकिन उम्मीद है कि वे इसी साल पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं।
साथ ही, वर्तमान समय में अजरबैजान ने पाकिस्तान से 40 JF-17 फाइटर जेट खरीदने की घोषणा की है। अजरबैजान ने 4.6 बिलियन डॉलर की इस डिफेंस डील के अंतर्गत जेएफ-17 के अपने ऑर्डर को 16 से बढ़ाकर 40 तक कर दिया है। आपको बता दें कि जेएफ-17 फाइटर जेट को पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर बना रहा है।
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आपको बता दें कि भारत के द्वारा पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई करने के बाद अजरबैजान और तुर्किये ने पाक को हथियारों की सप्लाई कर भारत के खिलाफ दुश्मनी की शुरुआत कर दी थी।