भारतीय अर्थव्यवस्था (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : टेक्नोलॉजी कंपनियों के टॉप ऑर्गनाइजेशन नैसकॉम ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बड़ी बात कही है। नैसकॉम ने कहा है कि भारत साल 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। इसमें टेक्नोलॉजी सेक्टर सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में लगभग 1,000 अरब डॉलर का कॉन्ट्रिब्यूशन देकर अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है, जिससे घरेलू और ग्लोबल दोनों परेशानियों का सोल्यूशन करने वाले इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
नैसकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार ने भारत के भविष्य को आकार देने में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए कहा है कि इस टारगेट को हासिल करने के लिए टेक्नोलॉजी सेक्टर को विशेष रूप से एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए इनोवेशन में लीड करना होगा। यह हेल्थ सर्विस और फाइनेंशियल सर्विस जैसे विभिन्न सेक्टरों के लिए अहम बदलाव लाने में सहायक होगा। उन्होंने स्टार्टअप महाकुंभ के उद्घाटन के दौरान कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत बनने का देश का दृष्टिकोण न सिर्फ इकोनॉमिक ग्रोथ से बल्कि टेक्निकल इनोवेशन से भी साइज लेगा।
नांबियार ने कहा है कि भारत के लिए 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने के लिए, मुझे लगता है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर को सकल घरेलू उत्पाद के संदर्भ में लगभग 1,000 अरब डॉलर का योगदान करना होगा। इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, जो न सिर्फ भारत की समस्या बल्कि ग्लोबल समस्याओं को भी हल करेगा।
उन्होंने ग्लोबल स्टार्टअप परिदृश्य में भारत की मजबूत स्थिति का जिक्र किया, जिसके साथ देश अब दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। नैसकॉम के अध्यक्ष ने कहा कि भारत का स्टार्टअप आधार मजबूत है। देश में लगभग 35,000 स्टार्टअप यूनिट्स हैं। देश ने पिछले साल ग्लोबल लेवल पर दूसरी सबसे बड़ी संख्या में यूनिकॉर्न यानी एक अरब डॉलर से ज्यादा मूल्यांकन वाले स्टार्टअप जोड़े।
टेक्नोलॉजी सेक्टर ने साल 2024 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 283 अरब डॉलर का महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो कुल जीडीपी का लगभग 7.3 प्रतिशत है। नांबियार ने टेक्नोलॉजी संप्रभुता को देश के लिए अनिवार्य बताते हुए कहा कि भारत को टेक्नोलॉजी के उपयोगकर्ता से ट्रांसफॉर्मेशनल टेक्नोलॉजी बनाने वाला बनने की जरूरत है।
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इसमें पेटेंट में लीडिंग होना, ग्लोबल स्टैंडर्ड को साइज देना और ग्लोबल ग्रोथ को आगे बढ़ाने वाली इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का स्वामित्व शामिल है। एडवांस टेक्नोलॉजी इस ट्रांसफॉर्मेंशन का आधार होकर, जो लोगों की सबसे कठिन समस्याओं का सोल्यूशन कर भारत को ग्लोबल लेवल पर नेतृत्व करने में सक्षम बनाएगी। 3 से 5 अप्रैल को यहां आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ में 50 से ज्यादा देशों के स्टार्टअप, इंवेस्टर्स और इंडस्ट्री प्रमुख शामिल हो रहे हैं।