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मध्य प्रदेश बनेगा गारमेंट हब, अपैरल सेंटर के तौर पर तेजी से उभर रहा

राज्य में सूती धागे और बुने हुए कपड़ों से लेकर लोकल टेक्सटाइल, परिधान और तकनीकी वस्त्रों तक कई तरह के वस्त्रों का उत्पादन होता है। इसने पारंपरिक हथकरघा और आधुनिक मशीनरी दोनों के उत्पादन में वृद्धि देखी है।

  • By अपूर्वा नायक
Updated On: Feb 08, 2025 | 10:09 PM

टेक्सटाइल सेक्टर (सौ. सोशल मीडिया )

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भोपाल : देश का दिल कहे जाने वाला राज्य मध्य प्रदेश अपनी रणनीतिक स्थिति, समृद्ध एग्रीकल्चर बेस, मजबूत इंफ्रास्क्रचर और इंवेस्टमेंट फ्रेंडली पॉलिसी के चलते गारमेंट औरअपैरल इंडस्ट्री के लिए तेजी से एक लीविंग सेंटर के रूप में उभर रहा है। प्रदेश अनुकूल नीतियों के साथ-साथ अपने कपास प्रोडक्शन का फायदा उठाकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री में एक खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश भारत का छठा सबसे बड़ा कपास प्रोड्यूसर है, जिसने 2023-2024 में लगभग 18.01 लाख गांठ का उत्पादन किया। भारत का 43 प्रतिशत जैविक कपास और ग्लोबल जैविक कपास उत्पादन का 24 प्रतिशत मध्यप्रदेश से है। कपास कपड़ा उद्योग के लिए रॉ मटेरियल है और राज्य का कपास उत्पादन कपड़ा निर्माण इकाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़त है।

टेक्सटाइल पार्क

राज्य सरकार ने इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए हैं। क्षेत्रीय नीति पर राज्य सरकार के एक दस्तावेज के अनुसार, मालवा क्षेत्र के बियावरा और नीमच में मेगा टेक्सटाइल पार्क, कपड़ा क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचे और प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।

मध्यप्रदेश टेक्सटाइल इंडस्ट्री

धार में बनने वाला पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल यानी पीएम मित्र पार्क राज्य को बड़े पैमाने पर कपड़ा मैन्युफैक्चरिंग में लीडिंग बनाने में मदद करेगा। चंदेरी, माहेश्वरी और हाथ से छपे कपड़ों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश टेक्सटाइल इंडस्ट्री की समृद्ध परंपरा का घर है। प्रदेश सालाना 200 टन रेशम उत्पादन के साथ बढ़ते रेशम उद्योग में योगदान देता है।

कुशल कार्यबल

डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, राज्य में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में, विशेष रूप से बुनाई, कताई और रंगाई जैसे क्षेत्रों में कुशल कार्यबल बढ़ रहा है। वस्त्रों पर केंद्रित शैक्षणिक संस्थानों और ट्रेनिंग सेंटर्स की उपस्थिति वर्कफोर्स को और मजबूत बनाती है। राज्य में पहले से ही मौजूद प्रमुख कंपनियों में ट्राइडेंट ग्रुप, गोकलदास एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, मारल ओवरसीज, वर्धमान टेक्सटाइल, सागर ग्रुप, रेमंड, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, अमोन, एसआरएफ लिमिटेड, स्वराज सूटिंग लिमिटेड और नाहर स्पिनिंग मिल्स शामिल हैं।

औद्योगिक बुनियादी ढांचे

मध्यप्रदेश 24-25 फरवरी को भोपाल में अपने द्विवार्षिक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें निवेश आकर्षित करने और राज्य की आर्थिक क्षमता को प्रदर्शित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के निवेश माहौल और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को उजागर करना है, जो संभावित सहयोग के लिए कई अवसर प्रदान करता है।

राज्य में सूती धागे और बुने हुए कपड़ों से लेकर लोकल टेक्सटाइल, परिधान और तकनीकी वस्त्रों तक कई तरह के वस्त्रों का उत्पादन होता है। इसने पारंपरिक हथकरघा और आधुनिक मशीनरी दोनों के उत्पादन में वृद्धि देखी है, जिससे छोटे और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हुआ है।

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राज्य में 60 से ज़्यादा बड़ी कपड़ा मिलें, 4,000 से ज़्यादा करघे और 25 लाख स्पिंडल हैं। जबकि प्रमुख कपड़ा सेंटर में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर शामिल हैं, रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में हैं। राज्य ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन यानी पीएलआई योजना के अंतर्गत कपड़ा क्षेत्र में 3,513 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा निवेश प्राप्त किया है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Madhya pradesh is emerging as a textile apparel hub

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Published On: Feb 08, 2025 | 10:09 PM

Topics:  

  • Investment
  • Madhya Pradesh
  • Textile Sector

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