सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Top 5 Government Schemes for Farmers: भारत में करोड़ों लोग खेती और किसानी से जुड़े हुए हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं। किसानों के इसी योगदान के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जानते हैं किसानों के लिए सरकार की टॉप-5 योजनाएं—
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) देश की सबसे लोकप्रिय किसान योजनाओं में शामिल है। इसके तहत पात्र किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में, दो-दो हजार रुपए करके सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है। अब तक योजना की 21 किस्तें जारी हो चुकी हैं और किसान 22वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं।
सरकार ने किसानों के लिए एक नई और अहम पहल की है, जिसका नाम प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना है। इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों पर ध्यान देना है जहां खेती अभी लाभकारी नहीं बन पाई है। इस योजना के तहत खेती की लागत कम करने, सिंचाई, भंडारण और संसाधनों की समस्याओं पर काम किया जाएगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई गई है। यह योजना 2025-26 से शुरू होकर 6 साल तक लागू रहेगी। पहले चरण में 100 पिछड़े जिलों को चुना गया है। हर साल लगभग ₹24,000 करोड़ खर्च होंगे और करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
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खेती में समय पर पैसों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती होती है। इसी समस्या के समाधान के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना चलाई जा रही है। इसके तहत कम ब्याज दर पर ऋण मिलता है, जिसका उपयोग खेती, पशुपालन और बागवानी में किया जा सकता है। ब्याज पर सरकारी सब्सिडी भी मिलती है। अब KCC को पीएम किसान योजना से जोड़ दिया गया है, जिससे आवेदन प्रक्रिया और आसान हो गई है। किसान बैंक या नजदीकी CSC सेंटर से आवेदन कर सकते हैं।
मौसम की मार सबसे ज्यादा किसानों को झेलनी पड़ती है। फसल खराब होने की स्थिति में नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत बेहद कम प्रीमियम पर फसलों का बीमा किया जाता है। प्राकृतिक आपदा, कीट या मौसम से नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा मिलता है, जो सीधे उनके खाते में भेजा जाता है। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
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पानी के बिना खेती संभव नहीं है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लक्ष्य हर खेत तक पानी पहुंचाना है। इसके तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीकों पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे कम पानी में ज्यादा फसल ली जा सके और सिंचाई का खर्च घटे। सरकार कई मामलों में 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है, जिससे आधुनिक सिंचाई व्यवस्था अपनाना आसान हो जाता है।
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई थी। उस समय की केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती, 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उस समय एनडीए सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।
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इस दिन का मुख्य उद्देश्य किसानों के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देना, उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाना है। राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर किसानों को नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और टिकाऊ खेती के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि वे अधिक लाभकारी तरीके से खेती कर सकें और उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।