आरईआई एक्सपो 2024 (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : इन दिनों उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 3 से 5 अक्टूबर के बीच में रिन्यूऐबल एनर्जी इंडिया यानी आरईआई एक्सपो 2024 का आयोजन किया गया था। इस एक्सपो के दौरान बायोगैस सेक्टर में 1,850 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया गया है। भारतीय बायोगैस एसोसिएशन यानी आईबीए के एक टॉप ऑफिसर ने इस बात की जानकारी दी है।
आईबीए के चेयरमैन गौरव केडिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आईबीए ने हाल ही में संपन्न आरईआई-एक्सपो 2024 में संयुक्त उद्यमों यानी ज्वाइंट वेंचर, एमओयू और आशय पत्रों यानी एलओआई के जरिए से कुल 1,850 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं।”
केडिया ने कहा कि आरईआई एक्सपो में 10 बायोगैस उत्पादक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 47 प्रदर्शकों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि ये निवेश दो-तीन वर्षों में साकार होने वाले हैं, जो जर्मनी, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे देशों से मजबूत अंतरराष्ट्रीय रुचि को दर्शाता है। केडिया ने कहा, ‘‘हमने संयुक्त उद्यमों के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन यानी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं और भारत में संपीड़ित बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए लगभग 50 एलओआई प्राप्त किए हैं।
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वर्ष 2011 में स्थापित और 2015 में पुनगर्ठित आईबीए जैव ऊर्जा परिचालकों, निर्माताओं और योजनाकारों के लिए एक राष्ट्रव्यापी मंच के रूप में कार्य करता है। यह जर्मन बायोगैस एसोसिएशन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी काम कर रहा है। भारत में सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा आयोजनों में से एक आरईआई एक्सपो, जैव ऊर्जा, सौर, पवन, इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय यानी एमएनआरई और प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों द्वारा समर्थित, बायो-एनर्जी पवेलियन 2024 का उद्देश्य शुद्ध-शून्य उत्सर्जन की दिशा में भारत की प्रगति को गति देना था।
आईबीए के अध्यक्ष डॉ. ए आर शुक्ला ने इस वर्ष के एक्सपो की सफलता पर प्रकाश डाला और कहा कि सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा संस्थान यानी एसएसएस-एनआईबीई, कपूरथला के वैज्ञानिकों के साथ जैव-ऊर्जा मंडप में एमएनआरई की सक्रिय भागीदारी ने जैव-ऊर्जा क्षेत्र में विश्वास को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि सही नीतिगत समर्थन के साथ जैव ऊर्जा उद्योग जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बदल सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)