(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Index of Industrial Production: भारत में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक विकास दर जुलाई में चार महीनों के उच्चतम स्तर 3.5 प्रतिशत पर रही है। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन करना था। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई। इससे पहले देश में औद्योगिक विकास दर जून में 1.5 प्रतिशत रही थी।
आंकड़ों के मुताबिक कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने सालाना आधार पर जुलाई में 5.4 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है।मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ही देश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों से निकलने वाले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार प्रदान करता है।
जुलाई में बिजली उत्पादन में मामूली 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, खनन क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई और भारी मानसूनी बारिश के कारण उत्पादन में (-) 7.2 प्रतिशत की कमी आई है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 23 उद्योग समूहों में से 14 ने पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में जुलाई में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। जुलाई में “मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल” उद्योग समूह में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें स्टील प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाता है।
मैन्युफैक्चर ऑफ इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट उद्योग समूह में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें स्विचगियर, सर्किट ब्रेकर्स, कंट्रोल पैनल और ट्रांसफॉरमर शामिल किए जाते हैं। वहीं, मैन्युफैक्चर ऑफ अदर नॉनमिटेलिक मिनरल प्रोडक्ट्स उद्योग समूह में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, इसमें सीमेंट आदि आता है।
उपयोग-आधारित वर्गीकरण के आंकड़े दर्शाते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन जुलाई में 5 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ बढ़ा। इसमें कारखानों में उपयोग होने वाली मशीनें शामिल हैं। यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जिसका भविष्य में रोजगार सृजन और आय पर गुणात्मक प्रभाव पड़ता है। रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और टीवी सेट जैसी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स गुड्स का उत्पादन इस महीने 7.7 प्रतिशत बढ़ा, जो आय में वृद्धि के साथ इन उत्पादों की मांग में वृद्धि को दर्शाता है।
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राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र में 11.9 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं में दोहरी स्थिति बनी हुई है, जहां टिकाऊ वस्तुओं में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि गैर-टिकाऊ वस्तुओं में कमजोरी बनी हुई है।