(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Dollar vs Rupee: आयातकों की ओर से डॉलर की निरंतर मांग के बीच रुपये पर दबाव बढ़ने से गुरुवार को यह शुरुआती बढ़त गंवाता हुआ 10 पैसे टूटकर 87.57 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, आयातकों की ओर से डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये ने शुरुआती बढ़त गंवा दी।
इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क मुद्दे पर अनिश्चितताओं के बीच समग्र नकारात्मक पूर्वाग्रह बना हुआ है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.48 पर प्रति डॉलर खुला। दिन में 87.39 से 87.67 प्रति डॉलर के दायरे में घूमता रहा। अंत में यह 87.57 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे की गिरावट है। रुपया बुधवार को 87.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.82 आ गया। घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 57.75 अंक चढ़कर 80,597.66 अंक पर और निफ्टी 11.95 अंक की बढ़त के साथ 24,631.30 अंक पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65.95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,644.43 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू व्यापक आर्थिक मोर्चे पर साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय मजबूती के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और महंगाई को काबू में लाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला देते हुए 19 साल बाद भारत की रेटिंग बढ़ायी है।
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एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्क का असर प्रबंधन के दायरे में होगा। भारत पर अगर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है तो इससे वृद्धि पर कोई बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है। रेटिंग में यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘‘ बेजान अर्थव्यवस्था” बताया था।